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The Kerala Story Movie Review: स्क्रीन पर उतरी तीन लड़कियों कि दर्दभरी कहानी; आधी सच्ची, आधी झूठी

स्क्रीन पर : 05 मई

डायरेक्टर : सुदीप्तो सेन

ऐक्टर : अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सोनिया बलानी और सिद्धि इदनानी

अवधि : 2 घंटे 18 मिनट

जॉर्नर : हिन्दी ड्रामा

रेटिंग- तीन स्टार


Photo: Twitter / कैप्शन: अदा शर्मा ने फिल्म को ऐसे संभाला दोनों कन्धों पर  



The Kerala Story Movie Review:
अभी के दौर में धर्म-परिवर्तन कोई नया मुद्दा नहीं रह गया है. ऐसी कई कहानी पहले भी आ गई है. अखबारों में छपने से लेकर टीवी में दिखाया गया है कि कैसे कभी शोषण करके  धर्म-परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है तो कभी जबरन. खैर हैरान करने वाली घटना तो तब घटी जब कुछ बरस पहले केरल में सैकड़ों लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया और आईएसआईएस के लिए तैयार किया गया और नाम दे दिया गया ‘लव जिहाद’ का. अभी जिस फ़िल्म की चर्चा हो रही है उस फ़िल्म में भी इसी कहानी को दिखाया गया है.

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जानिए.. किन वजहों से विवाद में है फ़िल्म द केरल स्टोरी?

क्या है फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ में?
सुदीप्तो सेन ने भी अपनी फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ में ऐसी ही सच्ची घटना को दिखाने की कोशिश की है. इस फ़िल्म में केरल के एक नर्सिंग कॉलेज की लड़कियों को इस्लाम अपनाने और आईएसआईएस संगठन में शामिल होने के लिए से ब्रेनवॉश करने की कहानी को दिखाया गया है. मुख्यतः ‘द केरल स्टोरी’ 3 लड़कियों की दर्दभरी कहानी पर आधारित है
, कि कैसे आईएसआईएस के लिए काम करने वाले कुछ भारतीय मुसलमानों के द्वारा उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी जाती है. फ़िल्म में इसे लव-जिहाद का एंगल दिया गया है. क्योंकि, मुस्लिम लड़के जबरन लड़कियों को इस्लाम अपनाने और अपने परिवार से दूर होने के लिए दबाव बनाते हैं. कहानी का मुख्य फोकस शालिनी उन्नीकृष्णन पर है, जिसका किरदार अदा शर्मा ने निभाई है. दरअसल, शालिनी नर्स बनकर लोगों की सेवा करना चाहती थी लेकिन धर्म-परिवर्तन कर फातिमा बा बन जाती हैं. उसके बाद न चाहते हुए भी जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करती है. दरअसल, शालिनी और उनकी दोस्त ठीक से अपने धर्म से परिचित नहीं रहती है. ऐसे में उसकी मुसलमान दोस्त प्यार और समर्थन देकर पहले दिल जीता. फिर उन लड़कियों का ब्रेनवॉश करते हुए कुछ तर्कों के साथ बताया कि इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है, बाकी धर्मों के भगवान में कितनी खामियां रही हैं.

विवाद पर क्या कहती हैं अदा शर्मा?

फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ में मुख्य किरदार निभाने वाली अदा शर्मा ने बताया कि यह फ़िल्म एक डरावनी कहानी पर आधारित है और इसे विवादों में लाना
, प्रोपेगैंडा कहना और भी डरावनी है. वो कहती हैं कि मैं खुद कुछ ऐसी लड़कियों से मिली हूं. मैं उनके दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं. जब एक बार आप इस फ़िल्म को देख लेंगे, तो लड़कियों की संख्या पर बात नहीं करेंगे. वहीं, डायरेक्टर सुदिप्तो सेन ने बताया कि इस फ़िल्म के लिए सात साल तक काम किया. इस दौरान कई लड़कियों का इंटरव्यू भी किया जो इस जंजाल में फंसी व पीड़ित थी. बहरहाल, फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ की कहानी कितनी सच्ची व कितनी झूठी है यह जांच का विषय है. लेकिन इतना जरूर तय है कि आईपीएल महीने में ठंड पड़े बॉक्स ऑफिस को इस फ़िल्म ने गर्म जरूर कर दिया.

जानिए कैसी है ये फ़िल्म ?
हम फ़िल्म की बात कर रहे हैं तो जाहिर सी बात है चर्चा निर्देशक की करेंगे. तो इस फ़िल्म का निर्देशन सुदिप्तो सेन ने बड़ी चतुराई के साथ किया है. क्योंकि
, हमारे देश के सबसे ज्यादा साक्षर कहलाने वाले राज्य की भयावह वास्तविकता को बड़ी कुशलता के साथ उन्होंने पेश किया है. उनकी यह फ़िल्म आपको तब बेचैन कर देती है जब ये दिखाया जाता है कि किस तरह से सभी धर्म की निर्दोष व मासूम लड़कियों को कभी प्यार से तो कभी धमकी देकर इस्लाम कबूल करने के लिए जोर-जबरदस्ती की जाती है. ऐसी फ़िल्म को परदे पर उतारना भी आसान नहीं था, टीज़र रिलीज़ होते ही फ़िल्म का विरोध होना शुरू हो गया. लेकिन, इस मामले में भी वे सफल साबित होते हैं. लेखक भी काबिले-तारीफ़ हैं. उनकी डायलॉग और यह कहानी आपके दिल तक पहुंचती है.

क्यों न देखें फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’?
दरअसल
, इस फ़िल्म पर सवाल उठना और उठाना दोनों लाजमी है. क्योंकि, केरल का नाम साक्षर शहर में शुमार है. अगर लॉजिक से सोचा जाये तो ऐसे शहर में चंद बातें बोलकर या ब्रेनवॉश करने से धर्मपरिवर्तन करवाना बेहद कठिन सा काम लगता है. अगर आप हिंसा पसंद नहीं करते तो यह फ़िल्म सच में आपके लिए नहीं है. विरोध के बाद भी मेकर्स का दावा है कि ये फ़िल्म सच्चाई पर आधारित है और उन्होंने अंतिम में सबूत भी देने का प्रयास किया है. जिसमें कहा गया है कि केरल से 30,000 से ज्यादा लड़कियां गायब हो चुकी हैं और वे अपने दावे पर मुकम्मल हैं. फ़िल्म में जिन तीन लड़कियों की कहानी प्रस्तुत की गई है उनके पहचान का खुलासा न करते हुए दर्शकों के सामने पेश की गई है.

अदा शर्मा की बेहतरीन ‘अदाकारी’
अदा शर्मा की जीतनी तारीफ़ की जाये कम है. पहले शालिनी और फिर फातिमा के किरदार में उन्होंने फ़िल्म को एक तरह से अपने दोनों कन्धों पर उठाए रखा है. क्योंकि, खुद एक लड़की होकर दूसरी लड़की की दर्दभरी कहानी पर एक्ट करना कोई आसान काम नहीं है. वह परदे पर मलयालम बोलती भी कमाल की हैं. उन्होंने साउथ एक्सेंट का भी सही इस्तेमाल किया है. भाषा समझ न आने के बावजूद सिर्फ अदा शर्मा की अदाकारी व वीरेश श्रीवलसा के मधुर संगीत ने दर्शकों के दिल में बहुत ही सुरुचिपूर्ण प्रभाव पैदा करने में सफल रहता है. खैर तारीफ़ तो फ़िल्म निर्माता व रचनात्मक की करनी चाहिए क्योंकि, उन्होंने एक कठिन विषय पर फ़िल्म बनाते समय इसके कलाकारों के चयन में कोई समझौता नहीं किया है. अदाकारा अदा शर्मा को भविष्य में इसके लिए पुरस्कृत करनी चाहिए. वहीं, काफी बेहतरीन ढंग से अदा के साथ-साथ योगिता और सोनिया ने भी अपने हिस्से के रोल को निभाया है. साथ ही बैकग्राउंड व म्यूजिक पर भी अच्छा काम किया गया है.

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