निर्देशक शिशिर झा ने अपनी फिल्म को रांची में बड़े पर्दे पर प्रदर्शित करने और इस
फिल्म को मिले प्यार और समर्थन के लिए कृतज्ञता जतायी. उन्होंने कहा कि दर्शकों का
जो प्यार इस फिल्म को मिला है वह काबिले-तारीफ है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि लोग
इसे इतना पसंद करेंगे. साथ ही आदिवासी लाइव्स मैटर (Adivasi Lives Matter) की पूरी टीम का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने डॉ. राम दयाल मुंडा जनजातीय
कल्याण शोध संस्थान के सहभागिता से इस फिल्म स्क्रीनिंग को सफल बनाया.
गौरतलब है कि शिशिर झा आदिवासी फिल्मों के निर्देशन में झारखंड का एक बड़ा नाम हैं
और उनके कार्य को कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है.
स्क्रीनिंग के दौरान सह निर्देशक बिनोद हांसदा के साथ महादेव टोप्पो, अभय सागर मिंज, मीनाक्षी मुंडा, सी.आर. हेम्ब्रम, राकेश रोशन कीरो जैसे कई गणमान्य
मौजूद रहे.
रांची : डॉक्यू-फिक्शन फिल्म ‘धरती लातर रे होरो’ की स्क्रीनिंग शनिवार को मोरहाबादी
स्थित डॉ. राम दयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में संपन्न हुई. शिशिर झा की
ओर से निर्देशित यह फिल्म एक डॉक्यू-फिक्शन का उत्कृष्ट संगम है जिसे पहले से ही
मान्यता और सकारात्मक समीक्षा मिल चुकी है. जगरनाथ और मुगली बास्के अभीनित ‘धरती
लातर रे होरो’ एक नाम रहित जोड़े की कहानी को बयां करती है, जो
अपनी बेटी के खोने के दुख के साथ जी रहे हैं. बता दें कि, फिल्म का मार्मिक संदेश
और अद्भुत प्रदर्शन ने दर्शकों को प्रभावित और आकर्षित किया.
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