Chara Ghotala Jharkhand: चारा घोटाला मामले में सीबीआई
के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुनाया है. इस मामले में साक्ष्य
के अभाव में 125
अरोपियों में से 35 लोगों को बरी कर
दिया है. दरअसल, डोरंडा कोषागार से 36 करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध तरीके से निकासी हुई थी.
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चारा घोटाला मामले में रांची कोर्ट का आया बड़ा फैसला |
Chara Ghotala: डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाला मामले पर राजधानी रांची में
सोमवार को अपना फैसला सुनाया। यह फैसला सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल
श्रीवास्तव की अदालत ने सुनाया है। मिली जानकारी के अनुसार, अदालत ने इस मामले में
साक्ष्य के अभाव में 125 अरोपियों में से 35 लोगों को बरी कर दिया है। जबकि,
36 आरोपितों को 1 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी।
वहीं, 52 दोषियों को तीन साल की सजा सुनाई गई।
27 वर्ष पुराने केस पर सुनवाई
गौरतलब है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से संबंधित चारा घोटाले
के पांच मामले सहित कुल 53 मामलों की सुनवाई सीबीआई कोर्ट
में पूरी की गई। दरअसल, 21 जुलाई को इस केस से जुड़े सभी
पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस
मामले में 616
गवाहों के बयान दर्ज किए गए। सीबीआई ने इस मामले में कुल 192 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था और अभी ट्रायल फेस करने वाले
आरोपितों की संख्या 124 है। इस दरमियान 62 आरोपितों का निधन भी चुका है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, संयुक्त बिहार के दौरान बहुचर्चित चारा घोटाला हुआ
था। उस दौरान मुख्यमंत्री के पद पर लालू प्रसाद यादव थे। तभी, डोरंडा कोषागार से 36
करोड़ 59 लाख रुपये की अवैध तरीके से
निकासी हुई थी। यह निकासी साल 1990 से 1995 के बीच हुआ था। इस घोटाला में 192 लोगों का नाम सामने आया था।
इन्हें किया गया कोर्ट में बरी
रांची सिविल कोर्ट ने जिन आरोपियों को बरी किया उनके नाम इस प्रकार हैं- एनुल हक,
राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू,
दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल
हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा,
ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक का
नाम शामिल है।
आरोप में कौन-कौन शामिल
चारा घोटाला मामले में 38 लोक सेवक रहे हैं, जिनमें से आठ कोषागार पदाधिकारी हैं। 86 आपूर्तिकर्ता
मामले में आरोपी है। आरोपियों में 16 महिलाएं भी हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आरोपियों में सबसे उम्रदराज 90 वर्षीय तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. गौरी शंकर प्रसाद भी शामिल
हैं। इनमें 12 से अधिक ऐसे लोग भी हैं जिनकी उम्र 80
वर्ष या इससे ज्यादा हैं।
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