PWC Annual Day 2025: स्त्रियों को शिक्षित करके ही हम एक शांतिपूर्ण, सहिष्णुतापूर्ण, न्यायपूर्ण और बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं, इसलिए लड़कियों की शिक्षा अत्यंत आवश्यक है. जिस समाज ने बेटियों को बेटों के बराबर अवसर उपलब्ध कराया वह अधिक समृद्ध और विकासशील है. यह बातें रविवार को पटना वीमेंस कॉलेज में आयोजित वार्षिकोत्सव 2025 में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि स्त्रियों की शिक्षा के बिना समाज का विकास नहीं हो सकता है. शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि तथा चरित्र निर्माण व उच्च नैतिक मूल्यों को आत्मसात करना ही शिक्षा का उद्देश्य है. महोत्सव में उन्होंने करूणा और संवेदना को आनंद का स्रोत बताते हुए कहा कि महिलाओं में ये गुण सहज ही पाये जाते हैं, परंतु पुरुषों को इसके लिए प्रयास करना पड़ता है. उन्होंने भागवत गीता का श्लोक का उच्चारण व स्त्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण पूर्णावतार होने के बावजूद कठिन परिस्थितियों में राधा के पास गये. हम महिलाओं की स्थिति पर विचार करते हैं तो हम दुनिया के हर क्षेत्र में सशक्त, आत्मविश्वासी महिलाओं को देखते हैं.
समारोह में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार की बेटी ने खो-खो कप प्रतियोगिता में विश्व स्तर पर सफलता हासिल की है. जबकि, वह मध्यवर्गीय परिवार से थी. प्रगति पथ पर अग्रसर होने के लिए बड़ा लक्ष्य, दृढ़ इच्छा शक्ति, शिक्षक व माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका अनिवार्य है. साथ ही, बच्चों को मोबाइल का प्रयोग कम करने को कहा. उन्होंने बताया कि यह कभी भी मनोरंजन का साधन नहीं हो सकता. इसके अलावे बच्चों को अपनी रूचि के अनुसार विषय-चयन करने का संदेश दिया. शारीरिक व मानसिक विकास के लिए संतुलित आहार लेने का आग्रह भी किया. साथ ही, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तर को बढ़ाने का संदेश दिया.
सभी धर्मों को समेटे बिहार के गौरवशाली इतिहास दिखा
कार्यक्रम की शुरुआत ईश वंदना ‘..तू ही है मेरा आधार’ पर प्रस्तुति के साथ हुई. इसके बाद स्वागत गीत ‘..हाथ जोड़ हम करें नमन’ से लोगों को भावविभोर कर दिया. इस गीत से अतिथियों का स्वागत भी किया. वहीं, जब छात्राओं ने पंजाबी लोक नृत्य भांगड़ा की प्रस्तुति दी, तो सभागार में बैठे लोगों को जोश से भर दिया. इसके बोल ‘..चल मेले नू चलिए’ था. इसके बाद फैन डांस में प्रतिभागियों ने अपने नयनाभिराम नृत्य से सभागार के सभी लोगों को झूमा दिया. वहीं, ‘सर्वजीयसुखमसर्वधर्म सुखम्’ नृत्य नाटिका से खूब तालियां बटोरीं. इस प्रस्तुति के जरिए यहां उभरे धर्मों और संप्रदायों के आईने से बिहार के गौरवशाली अतीत को दिखाने की कोशिश की गई. साथ ही, गंगा का उदाहरण देते हुए धर्म के अर्थ हो भी बताया. जिसमें धर्म से बड़ा कुछ नहीं, लेकिन इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं बताया. मैं गंगा हूं.., एकता का संदेश हूं.., मैं गंगा हूं. इसके बाद भव्य ग्रैंड फिनाले वंदे मातरम् की प्रस्तुति हुई व राष्ट्रगण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.
वार्षिकोत्सव में सम्मानित हुई छात्राएं
वहीं, कॉलेज की प्राचार्या डॉ सिस्टर एम रश्मि एसी ने कहा कि आठ दशकों से शिक्षा अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पीडब्ल्यूसी ने भारत के शैक्षणिक मानचित्र पर अपना गौरवशाली स्थान बनाया है. यहां के शिक्षकों और प्रबंधन के अथक प्रयास से कॉलेज को नैक द्वारा ‘ए+’ ग्रेड प्राप्त हुआ. नारी सशक्तिकरण की प्रतीक हमारी छात्राएं पूरे विश्व में कॉलेज की ब्रांड अम्बेसडर है. इसके बाद कॉलेज का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया. इस अवसर पर तीन प्रतिभाशाली छात्राओं को विशेष पुरस्कार व मेरिट स्कॉलरशिप के लिए चयनित छात्राओं को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ जरीन फातिमा, अद्वितीय सिन्हा, सृष्टि तिवारी व मरियम फातिमा ने की. पुरस्कारों की घोषणा डॉ सहर रहमान व धन्यवाद ज्ञापन आलोक जॉन ने की. मौके पर डॉ सिस्टर मरिया रीमा एसी, डॉ सिस्टर एम जिंसी एसी व अन्य मौजूद रहे.
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