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IG Abhiyan के तहत खुद को आत्मसमर्पण करते इंदल गंझू |
फिर ऐसी स्थिति बन गयी कि उसे लगा कि उसकी जमीन चली जायेगी. कोई और रास्ता न देख
उसने नक्सलियों की शरण ली. उसकी समस्या सुनी गयी और इसके हल का आश्वासन भी मिला.
फिर धीरे-धीरे नक्सलियों के साथ उसकी संगत बढ़ती गयी. उसे लगा कि इनके साथ जुड़ कर
वह भी दूसरों का भला कर सकता है. फिर धीरे-धीरे वह उनके साथ घुमने-फिरने लगा और
कुछ अभियान पर भी गया.
कुछ दिनों बाद उसे इसके पावर का अहसास हुआ. लोग उससे डरने लगे. उसे लगा कि अब वह
भी लोगों के लिए कुछ कर सकता है और संगठन में उसकी भूमिका बढ़ती चली गयी. कुछ
दिनों बाद उसे झारखंड भेज दिया गया. झारखंड में वह एक गुट का कमांडर भी बना फिर रिजनल
कमेटी का मेंबर. कई गंभीर अपराधों में वह सक्रिय रहा. पर अब उससे अपराधबोध हो रहा
है. इसलिए वह इन सबसे बाहर आना चाहता है.
मौके पर इंदल गंझू ने (IG Abhiyan) आईजी अभियान एवी होमकर,
रांची जोनल आईजी पंकज कंबोज, सीआरपीएफ के
अधिकारी, हजारीबाग डीआईजी नरेंद्र सिंह और चतरा एसपी राकेश
रंजन के समक्ष सरेंडर किया. आइजी अभियान ने एवी होमकर ने बताया कि इंदल के खिलाफ
बिहार-झारखंड में करीब 145 केस दर्ज हैं. वह स्पेशल एरिया
कमेटी सदस्य गौतम पासवान के बाद संगठन में गहरी पैठ रखता था. होमकर ने बताया कि
पिछले तीन अप्रैल को लावालौंग थाना क्षेत्र में पुलिस और माओवादी उग्रवादियों के
बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी, जिसमें इंदल भी शामिल था. इस
मुठभेड़ में पांच ईनामी नक्सली मारे गये थे.
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