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Jharkhand News: गिरिडीह जिले की सैंकड़ों बच्चियां हुई मानव तस्करी की शिकार, वर्षों से अबतक कोई खबर नहीं, ये है वजह


झारखंड में अपराध के मामले बढ़ गए हैं. प्रतिदिन किसी खौफनाक घटना को अंजाम दिया जाता है. वहीं मानव तस्करी के भी मामले काफी बढ़ गये हैं. बता दें, गिरिडीह जिले के सुदूर इलाकों से गरीब नाबालिग बच्चियों की तस्करी अब भी जारी है. नाबालिग बच्चियों को रोजगार दिलाने अथवा शादी और रुपए का प्रलोभन देकर उनके अभिभावकों को झांसे में लिया जाता है और ऐसी लड़कियों को दूसरे प्रदेशों में बेच दिया जाता है.

हाल ही में पचंबा पुलिस ने एक मामले का उद्भेदन किया है. जिले के तिसरी, गावां, देवरी, पीरटांड़, बिरनी व सरिया इलाके की सैकड़ों बच्चियां कई सालों से गायब हैं. कुछ सालों से चाइल्ड हेल्प लाइन के सक्रिय होने के बाद ऐसे कुछ मामलों में अंकुश लगा है और पिछले दो सालों में 100 से अधिक नाबालिग लड़कियों को महानगरों से मुक्त कराया जा चुका है, लेकिन सक्रिय गिरोह तब भी चोरी चुपके घटना को अंजाम दे रहे हैं. कई नाबालिग को परिजनों की जानकारी में ही बहला फुसलाकर ले जाया गया और महानगरों में सेठ- साहूकारों के हाथों बेच दिया गया.

गौरतलब है कि पुलिस ऐसे मामलों में तह तक नहीं पहुंचती है. क्योंकि नाबालिग बच्चियों की तस्करी करने वाला मुख्य गिरोह स्थानीय है
, जिसकी मदद से राजस्थान, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित विभिन्न प्रांतों के सौदागर इस घटना को अंजाम देने में सफल होते हैं. चाइल्ड हेल्पलाइन ने पिछले दो सालों में 100 से अधिक नाबालिग बच्चियों मुक्त कराया गया है.

इस मामले में जिले के एएसपी हरीश बिन जामा ने बताया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों से नाबालिग बच्चियों को पैसे का लालच देकर बाहर ले जाने में अंतरराज्यीय गिरोह की मिलीभगत है. गरीबी का फायदा उठाकर परिजनों को कुछ रुपए दे देते हैं और बेटी की फ्री में अमीर के घर में शादी का प्रलोभन देकर ले जाता है और उस बच्ची को मोटी रकम लेकर बेच दिया जाता है. इस गिरोह में झारखंड के अलावा बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग शामिल हैं.

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