इस नियमावली के लागू हो जाने के बाद राज्यभर में
प्री मैट्रिक के लगभग 30 लाख और पोस्ट मैट्रिक के लगभग पांच लाख कुल 35 लाख
छात्र-छात्राओं को सीधा लाभ मिल सकेगा. छात्रवृत्ति मद की राशि बढ़ने पर करीब 261
करोड़ रुपए सालाना बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया गया है. राज्य सरकार के इस योजना
से छात्रों को सीधा लाभ होने की बात कही जा रही है.
सरल होगी आवेदन प्रक्रियाः प्री व पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन
आते ही आवेदक को यूनिक आईडी मिलेगा, जो प्री-पोस्ट
मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए वैध होगा. फर्जीवाड़ा रोकने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन
किया जाएगा.
छात्रवृत्ति पोर्टल से करना होगा
आवेदनः एसटी, एससी, ओबीसी स्टूडेंट्स को छात्रवृति के लिए कल्याण
विभाग के छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा. इसी पोर्टल के माध्यम
से सत्यापन एवं की प्रक्रिया भी संचालित होगी.
प्री एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति में
वृद्धि: पहले 4 कैटेगरी में मैट्रिक तक के छात्र-छात्राओं को बांटा गया था
बता दें, अब चार की जगह इसे तीन कैटेगरी में
बांटकर छात्रवृति का प्रावधान किया गया है. पोस्ट मैट्रिक छात्रों को छात्रवृति की
अधिकतम सीमा 50 हजार रुपए थी. इसे बढ़ाकर यह राशि साल के लिए एक लाख रूपए कर दी गई
है.
पहले..
- एक से चार वर्ग के छात्रों एक लिए 500 रुपये
- वर्ग पांच एवं छह के छात्रों को 1000 रुपये
- सात एवं आठ वर्ग के छात्रों को 1500
- 9 से 10 वर्ग के स्टूडेंट्स को 2250 रूपये मिलते थे
अब..
- वर्ग एक से 5 के छात्रों को 1000 रूपये मिलेंगे
- छह से आठ तक एक छात्र-छात्राओं को 1500 रुपए
- 9-10 वर्ग के छात्र-छात्राओं को 4500 रुपये मिलेंगे
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