Operation Sindoor 2025: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने एक बार फिर भारत-पाक तनाव को सुर्खियों में ला दिया है. दरअसल, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर भी शामिल है. बहावलपुर आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख गढ़ माना जाता है. भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से जिन चिन्हित स्थानों पर हमला किया गया, वहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और उन्हें निर्देशित किया गया. इन टार्गेट्स में वह स्थान भी शामिल था, जहां 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले किए गए थे.
ध्यान रहे पाकिस्तान-पाकिस्तान के बीच संघर्ष का इतिहास लंबा रहा है. यह मुख्य रूप से कश्मीर विवाद से जुड़ा हुआ है. दोनों देशों के बीच 1947 से अब तक 8 बार संघर्ष हो चुका है. इनमें पांच बार युद्ध संघर्ष, तो ऑपरेशन सिंदूर समेत तीन बार स्ट्राइक है. हालांकि, भारत ने हर बार स्ट्राइक को पिछली बार से बड़ा अंजाम दिया है. गौरतलब है कि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत और दर्जनों के घायल होने की घटना ने देश को झकझोर दिया. हालांकि, परिजनों को खोने वालों के परिजनों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का स्वागत किया. इस ताजा सैन्य कार्रवाई के संदर्भ में भारत-पाकिस्तान के बीच अब तक हुए प्रमुख सशस्त्र संघर्षों की संक्षिप्त कहानी समझते हैं.
1947-48 का पहला युद्ध: कश्मीर विवाद की शुरुआत
भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध 1947 में शुरू हुआ, जब पाकिस्तान समर्थित कबाइली लड़ाकों ने कश्मीर पर हमला कर दिया. इस संकट के बीच जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी और इसके बदले राज्य का भारत में विलय किया. इसके बाद भारतीय सेना ने कार्रवाई करते हुए घुसपैठियों को पीछे हटाया. युद्ध कई महीनों तक चला और अंततः 1 जनवरी 1949 को संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के बाद युद्धविराम हुआ. इसी युद्ध के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) की रूपरेखा बनी, जो आज भी भारत-पाक संबंधों में एक संवेदनशील सीमा बनी हुई है.
1965 का युद्ध: ऑपरेशन जिब्राल्टर से बढ़ा टकराव
पाकिस्तान ने 1965 में कश्मीर में अशांति फैलाने के उद्देश्य से ‘ऑपरेशन जिब्राल्टर’ शुरू किया, जिसमें उसके सैनिक स्थानीय वेशभूषा में घुसपैठ करते हुए विद्रोह भड़काने की कोशिश कर रहे थे. भारत ने तुरंत इस घुसपैठ का जवाब दिया और युद्ध छिड़ गया. यह संघर्ष पश्चिमी सीमा तक फैल गया और भारी सैन्य नुकसान के बाद दोनों देशों ने ताशकंद समझौते के जरिए शांति स्थापित की. इस युद्ध ने भारत को सैन्य और रणनीतिक मोर्चे पर अधिक आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया.
1971 का युद्ध: बांग्लादेश मुक्ति संग्राम
साल 1971 का भारत-पाक युद्ध अब तक के सबसे निर्णायक संघर्षों में गिना जाता है. यह युद्ध पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में राजनीतिक असंतोष और मानवाधिकार उल्लंघनों की पृष्ठभूमि में लड़ा गया. भारत में लाखों शरणार्थियों के आगमन के बाद भारत ने सैन्य हस्तक्षेप किया. पाकिस्तान ने पश्चिमी मोर्चे पर युद्ध शुरू किया, लेकिन भारतीय सेना ने दोनों मोर्चों पर तेज़ी से सफलता हासिल की. अंततः 16 दिसंबर 1971 को 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश का स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में जन्म हुआ.
1999 का करगिल युद्ध: ऊंचाइयों की जंग
कारगिल युद्ध पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा का उल्लंघन कर ऊंची पहाड़ियों पर कब्ज़ा करने की कोशिश से शुरू हुआ. पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने रणनीतिक बिंदुओं पर घुसपैठ की. भारत ने ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई की. दुर्गम इलाकों और ऊंचाई वाले स्थानों पर भारतीय सैनिकों ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर किया. 26 जुलाई 1999 को भारत ने आधिकारिक रूप से जीत की घोषणा की, जिसे आज करगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
2016 की सर्जिकल स्ट्राइक: आतंक के अड्डों पर पहली आधिकारिक कार्रवाई
18 सितंबर 2016 को उरी में भारतीय सेना के कैंप पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 19 जवान शहीद हुए. इसके जवाब में भारत ने पहली बार नियंत्रण रेखा पार करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक की. 29 सितंबर को भारतीय सेना ने आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर हमला कर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया. इस कार्रवाई ने भारत की नई सैन्य रणनीति को दर्शाया, जिसमें आतंकवाद को सीमा पार सुरक्षित पनाहगाहों में भी बख्शा नहीं जाएगा.
2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक: वायुसेना की ताकत का प्रदर्शन
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 CRPF जवान शहीद हो गए. पूरे देश में आक्रोश फैल गया. इसके जवाब में भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर एयरस्ट्राइक की. इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया. पाकिस्तान ने अगली सुबह जवाबी कार्रवाई की, लेकिन भारत की वायुसेना ने आक्रामक रक्षा रणनीति से उसकी कोशिशों को विफल किया.
2025 का ऑपरेशन सिंदूर: त्वरित और निर्णायक कार्रवाई
2025 का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य तैयारियों और आतंकवाद के प्रति उसकी असहिष्णुता का नया उदाहरण है. पहलगाम हमले के तुरंत भारत ने मिसाइलों के जरिए पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया. ये हमले मात्र 25 मिनट में सम्पन्न हुए और प्रत्येक लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा गया. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इन ठिकानों में सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के लगभग 80 आतंकी मारे गए. इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले का जवाब प्रतीक्षा नहीं, प्रतिशोध से देगा.
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