देश में भारतीय वायुसेना आज यानी 8 अक्टूबर को अपना 90वां स्थापना दिवस मना रही है. बता दें, यह दिन हर भारतीय नागरिक के लिए दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेनाओं में शुमार इंडियन एयरफोर्स पर गर्व करने का दिन है. इसका मुख्य उद्देश्य भारत की वायु सेना को श्रधांजलि देना और उसके योगदान को याद करना है.
ऐसे में भारतीय वायु सेना दिवस परेड समारोह का
आयोजन शनिवार को एयर फोर्स स्टेशन चंडीगढ़
में भारतीय वायु सेना द्वारा किया गया. 89 वर्ष पहले आज
ही के दिन यानी 8 अक्टूबर 1932 को
भारतीय वायु सेना की स्थापना हुई थी. “भविष्य की और रूपांतरण” विषय पर आधारित 90 वां वायु सेना दिवस समारोह में भारत के एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी विशिष्ट सेवा मेडल वायु परम
विशिष्ट सेवा मेडल अति सेना मेडल एडीसी चीफ ऑफ एयर स्टाफ मुख्य अतिथि के रूप में
शामिल हुए और परेड का निरीक्षण कर परेड को संबोधित किया.
अपने अभिभाषण में उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना में
अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को मंजूरी दी है. साथ ही भविष्य
की चुनौतियों को पुराने मानसिकता से नहीं लड़ा जा सकता, इसलिए भारतीय वायु सेना लगातार
सक्रिय रुप से आई स्टार, यूएवी, काउंटर
यूएस और अपने नेटवर्क को मजबूत करने में कार्य कर रही है, भारतीय
वायु सेना ऑफिस एप्लीकेशन द्वारा अपने ऑफिसेस को पूरी तरह पेपरलेस बना रही है. नई
नीतियों के अंतर्गत वायु सेना चार क्षेत्रों, सरफेस टू सरफेस
मिसाइल, सर्फेस टू एयर मिसाइल, रीमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट और
वेपन सिस्टम ऑपरेटर्स में कार्य करेगी जिससे करीब तीन हजार चार सौ करोड रुपए की
बचत होगी, ड्रोन्स, स्वाम ड्रोन्स,
हाइपरसोनिक वेपंस, स्पेस बेस्ड आई एस आर
सिस्टम्स का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग क्विक डिसीजन
मेकिंग और डाटा को एनालाइज करने के लिए प्रभावी रूप से किया जा रहा है. साथ ही
उन्होंने तीनों सेनाओं को मिलकर कार्य करने की पद्धति को अपनाने की बात कही.
भर्ती योजनाओं पर बात करते हुए उन्होंने अग्नीपथ
योजना के तहत दिसंबर में इसी साल तीन हजार अग्निवीरों की भर्ती कर प्रशिक्षित करने
की बात कही और अगले वर्ष से विमेन अग्निवीरों की भर्ती के लिए नीतियां तैयार की जा
रही है. उन्होंने कहा पिछले साल हमारे सामने कई प्रकार की चुनौतियां आईं जिनका
भारतीय वायु सेना ने निरंतर सीमाओं पर तैनाती, एचएडीआर ऑपरेशंस
और कई रेस्क्यू ऑपरेशंस चलाकर इन चुनौतियों का सामना किया है। इस अवसर पर सभी एयर
वॉरियर्स की ओर से उन्होंने, प्राणों का बलिदान देने वाले
वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी.
इस औपचारिक परेड में आकाश की ऊंचाइयों को छू रहे
आधुनिक तकनीकों से लैस लड़ाकू विमानों और एयरक्राफ्ट्स के साथ-साथ परेड के कमांडर
ग्रुप कैप्टन अनूप सिंह वायु सेना मेडल के नेतृत्व में, फ्लाइट लेफ्टिनेंट चिराग श्योराण के नेतृत्व में निशान टोली, नंबर वन स्कोडन लीडर अर्जुन मल्होत्रा, नंबर टू
स्कोडन लीडर निकेश धामी, नंबर थ्री स्कोडन लीडर विपिन कुमार,
नंबर फ़ौर स्कोडन लीडर आशीष अम्बष्ठ के नेतृत्व में,एयर फ़ोर्स बैंड वारंट ऑफिसर दीपक शर्मा के नेतृत्व में, और एयर वॉरियर्स द्वारा चलते वाहन को पांच मिनट में खोलकर पुनः जोड़ने के
ड्रिल के साथ साथ एयर वॉरियर्स द्वारा नौ अलग-अलग फॉरमेशंस में की गई रोमांचक
राइफल ड्रिल ने अदम्य साहस, दृढ़ता, विश्वास,
ऊर्जा, अजीत युद्ध कौशल, सहयोग एवं समन्वय की उत्कृष्ट परेड प्रस्तुति कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण
का केंद्र रही.
इस अवसर पर एयर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरण अति
विशिष्ट सेवा मेडल वायु सेना मेडल एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ वेस्टर्न एयर कमांड, प्रेसिडेंट एयर फोर्स वाइज वेलफेयर एसोसिएशन श्रीमती नीता चौधरी के
साथ-साथ तीनों सेनाओं के सेवारत अधिकारी
एवं सेवानिवृत्त अधिकारगण विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
रामानन्द कुमार
(स्टूडेंट ऑफ़ जर्नलिज्म)
जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
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