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World Brain Tumor Day 2023: ये सामान्य लक्षण बयां करता है मस्तिष्क ट्यूमर, मामूली समझ न करें इग्नोर

Attribution: Google । World Brain Tumor Day 2023
 World Brain Tumor Day 2023: कैंसर (Cancer) एक ऐसा शब्द है जिसके नाम से भी लोग भयभीत हो जाते हैं। इसमें इतनी ताकत होती है कि, संक्रमित व्यक्ति के मानसिक स्थिति को आसानी से नष्ट और उनके परिवार को तबाह कर सकती है। इसे आम तौर पर श्रापित व घातक समझते हैं। वहीं, तकनीकी दृष्टिकोण से यह शरीर के कोशिकाओं का असामान्य विकास है जो बाद में पूरे शरीर में फैलता है। कैंसर न केवल एक व्यक्ति के शरीर को पिघलाता है, बल्कि उसकी भावनाओं और शक्ति को भी पिघला देता है। इसके कई प्रकार हैं। उनमें से एक मस्तिष्क कैंसर है जिसे अधिकांशतः मस्तिष्क ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है। प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस मनाया जाता है।

बता दें कि, मस्तिष्क ट्यूमर (Brain Tumor) एक अत्यधिक चुनौतीपूर्ण और जटिल कैंसर में से एक है। इसके इलाज और स्वस्थ होने के लिए एक बहुवैज्ञानिक पहलू की आवश्यकता होती है। लेकिन, आम लोगों को मस्तिष्क ट्यूमर से संबंधित तथ्यों के बारे में बहुत कम जानकारी होती है। यदि मस्तिष्क ट्यूमर के तथ्यों की बात करें, तो एक अध्ययन निम्नलिखित तथ्यों को दर्शाता है:

लगभग 700,000 अमेरिकी मुख्य मस्तिष्क ट्यूमर के साथ जी रहे हैं।

लगभग 72% सभी मस्तिष्क ट्यूमर अभद्र होते हैं।

लगभग 28% सभी मस्तिष्क ट्यूमर महाशक्तिशाली होते हैं।

लगभग 59% सभी मस्तिष्क ट्यूमर महिलाओं में होते हैं।

लगभग 41% सभी मस्तिष्क ट्यूमर पुरुषों में होते हैं।

रिपोर्टस की मानें तो, अब भी कुछ लोग ऐसे हैं जो इसे संकेत करने वाले असली लक्षणों के बारे में नहीं जानते। इसके आम लक्षण हैं जिनके बारे में लोगों को जानना चाहिए। आमतौर पर मस्तिष्क ट्यूमर के सामान्य लक्षण नहीं होते हैं। समय के साथ बदतर होने वाली सिरदर्द कई बीमारियों के लक्षण हैं, जिसमें मस्तिष्क ट्यूमर भी शामिल है। अन्य लक्षणों में व्यक्तित्व में परिवर्तन, आंखों में कमजोरी, मतली या उल्टियां, बोलने या समझने में कठिनाई और छोटी अवधि की स्मृति की कमी शामिल हो सकती हैं। इन सभी लक्षणों को मस्तिष्क ट्यूमर के संकेत माना जा सकता है जिनके बारे में हर व्यक्ति को जागरूक होना चाहिए।

कई बार तो मस्तिष्क ट्यूमर को लेकर अंधविश्वास में रहते हैं, जिसका खामियाजा संक्रमित व्यक्ति को उठाना पड़ जाता है। इसके लिए सभी को जागरूक होनी चाहिए। तो आइए जानते हैं आम मिथकों और गलतफहमियों को विस्तार से:

माना जाता है कि सभी मस्तिष्क ट्यूमर कैंसर होते हैं, लेकिन साबित हुआ है कि केवल तीसरा भाग ट्यूमर कैंसर होते हैं।

माना जाता है कि मस्तिष्क ट्यूमर हमेशा मस्तिष्क में ही उत्पन्न होते हैं। लेकिन यह मिथक आंशिक रूप से सही है क्योंकि ट्यूमर शरीर के अन्य हिस्सों से कैंसर के प्रसार का परिणाम भी हो सकते हैं।

माना जाता है कि मस्तिष्क ट्यूमर केवल वयस्कों में पाया जाता है। लेकिन यह मिथक पूरी तरह से गलत है क्योंकि ट्यूमर सिर्फ वयस्कों ही को ही नहीं बल्क युवाओं और नवजातों को भी प्रभावित करते हैं।

मोबाइल फोन का उपयोग ट्यूमर का कारण होता है, यह एक मुख्य मिथक है जिस पर लोग विश्वास करते हैं। लेकिन इसका कोई भी शोध या सबूत नहीं मिला है।

माना जाता है कि हर मस्तिष्क ट्यूमर का रोगी एक ही लक्षणों से पीड़ित होता है। लेकिन प्रत्येक रोगी के ट्यूमर के स्थान और आकार के आधार पर विभिन्न संकेत और लक्षण विकसित करता है।

(रिपोर्ट-मौसमी चौहान)

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