रिम्स, रांची: स्टेट
ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (SOTTO) झारखण्ड द्वारा शनिवार को नमन दिवस मनाया गया। इस दौरान
रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ) राजीव कुमार गुप्ता ने 11 नेत्रदान करने वालों को सम्मानित किया जिसे उनके परिजनों
ने ग्रहण किया। वहीं, अब हर वर्ष 15 जुलाई को अंग और ऊतक (टिश्यू) दाताओं को उनके महादान के
लिए सम्मानित करने के मकसद से दिवस मनाया जायेगा।
रिम्स निदेशक डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि, रिम्स में नेत्र ट्रांसप्लांट के साथ-साथ लिवर, लंग्स और अन्य अंगों के ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक रिम्स के नेत्र विभाग ने 90 कॉर्निया ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किए हैं। वहीं, डॉ. विद्यापति ने अपने संबोधन में कहा “अंगदान के प्रति भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है और इसे हम तभी कर सकेंगे जब हम अंगदान के प्रति जागरूक होंगे।” चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हीरेन्द्र बिरुआ ने कहा कि नेत्रदान के साथ-साथ बाकी अंगों के भी दान को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि किसी को जीवनदान मिल सके।
क्या है SOTTO?
भारत में अंग एवं ऊतक दान व प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अंतर्गत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) की स्थापना की गयी है। SOTTO, रिम्स के एनाटॉमी विभाग के प्रथम तल में नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के तहत स्थापित किया गया है।
नेत्रदाता के
परिवारवालों ने कही ये बात
प्रियजनों को याद करते हुए कई परिवारवाले भावुक हो गए।
उन्होंने नेत्रदान करने के उनके निर्णय से जुड़ी भावनाएं, यादें एवं जानकारी साझा की और कहा कि अंगदान के प्रति
जागरूकता आने से कई जिंदगियां बच सकती हैं। मौके पर नेत्रदान करने वाले सिद्धांत
राज की मां रेणु गुप्ता ने कहा, “मेरा बेटा आज किसी दूसरे रूप में हमारे बीच में मौजूद है।
वो तो चला गया पर आज उसकी आंखों से कोई और दुनिया देख रहा है, मुझे इस बात की खुशी है।”
रिम्स निदेशक डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि, रिम्स में नेत्र ट्रांसप्लांट के साथ-साथ लिवर, लंग्स और अन्य अंगों के ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक रिम्स के नेत्र विभाग ने 90 कॉर्निया ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किए हैं। वहीं, डॉ. विद्यापति ने अपने संबोधन में कहा “अंगदान के प्रति भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है और इसे हम तभी कर सकेंगे जब हम अंगदान के प्रति जागरूक होंगे।” चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हीरेन्द्र बिरुआ ने कहा कि नेत्रदान के साथ-साथ बाकी अंगों के भी दान को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि किसी को जीवनदान मिल सके।
क्या है SOTTO?
भारत में अंग एवं ऊतक दान व प्रत्यारोपण को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अंतर्गत, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (SOTTO) की स्थापना की गयी है। SOTTO, रिम्स के एनाटॉमी विभाग के प्रथम तल में नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के तहत स्थापित किया गया है।
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