सार: पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ विधानसभा का घेराव करने पहुंचे. 2016 से कार्यरत हजारों स्वयंसेवक सरकार पर वादाखिलाफी करके अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन किया. आंदोलनकारियों ने कहा कि अगर सरकार मांगें पूरी नहीं करती है, तो आने वाले समय में तेज़ होकर आंदोलन करेंगे.
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फोटो कैप्शन: जगरनाथपुर मंदिर के पास प्रदर्शन करते स्वयंसेवक |
बता दें कि, इस आंदोलन में राज्यभर के 18 हजार पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं। वे साल 2016 से कार्यरत हैं। विधानसभा का घेराव करने से पहले वे पिछले 21 दिनों से राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे। लेकिन, सरकार से किसी तरह बातचीत नहीं हो सकी। इसके बाद पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों को विधानसभा घेराव करने की मजबूरी में आना पड़ा है। वे कह रहे हैं कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है, तो वे आने वाले समय में और भी तेज़ होकर आंदोलन करेंगे।
गौरतलब है कि, पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ की पांच प्रमुख मांगों में शामिल हैं - पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों के स्थायीकरण की मांग, उचित मानदेय देने की मांग, वर्तमान सरकार में स्वयंसेवकों को भी काम देने की मांग, पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक का नाम हटाकर पंचायत सहायक किया जाना, और संघ के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की मांग है।
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