Ranchi, RIMS: झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल
यानी रिम्स में मरीजों के साथ इलाज में परेशानी बहुत होती है। कई बार इलाज कराने
के लिए काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, पिछले 7 जून को डॉ राजीव
कुमार गुप्ता को रिम्स के नए प्रभारी निदेशक बनाये गये हैं। पदग्रहण
के दौरान उन्होंने कहा था कि, उनकी सबसे पहले प्राथमिकी होगी की रिम्स की चरमराई
व्यवस्था को दुरुस्त करना। साथ ही मरीजों की समस्याओं को दूर करना। अस्पताल में
दवा से लेकर अन्य जरूरी चीजों को भी दुरुस्त किया जाएगा।
इमरजेंसी एवं ट्रामा सेंटर में होगा सुधार
बता दें कि, प्रभारी निदेशक रिम्स में कई महत्वपूर्ण बदलाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को दुरुस्त करना लक्ष्य है और मरीज़ो को सभी सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से सारे कदम उठाये जा रहे हैं। जिसमें इमरजेंसी एवं ट्रामा सेंटर में सुधार के लिए 18 वेंटीलेटर और सभी ऑक्सीजन प्वाइंट को कार्यशील किया गया है। साथ ही, 24 घंटे डॉक्टरों की मौजूदगी के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। साथ ही, प्रथम तल्ला पर 20 आईसीयू बेड और 1 ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जा रहा है।
रिम्स में मरीजों को मिलेगी दवा
अस्पताल में मरीज किसी तरह इलाज तो करा लेते हैं। लेकिन, सबसे बड़ी चुनौती दवा खरीदना हो जाता है। खैर इसे अब अस्पताल में ही उपलब्ध करा दिया गया है। जिन दवाओं की उपलब्धता नहीं हुई है उसे सुनिश्चित की जा रही है। वहीं, आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने वालों के लिए आयुष्मान मित्र और जगह-जगह कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात किये जायेंगे तथा इसे और सुदृढ़ किया जायेगा। फैकल्टी, डॉक्टरों व कर्मचारियों की समस्यों की सुनवाई भी की जा रही है।
वार्ड में भी हुआ सुधार व सुरक्षा दुरूस्त
मरीजों के साथ कोई परेशानी न हो इसके लिए अस्पताल परिसर के क्लीनिकल विभाग में 23 स्थानों पर सैंपल कलेक्शन पॉइंट की स्थापना की गयी है। फिलहाल, कलेक्शन पॉइंट सुबह 8 से रात 8 बजे तक संचालित होंगे| लेकिन, भविष्य में इसे 24x 7 करने की योजना है। सुरक्षा के मद्देनजर, अनावश्यक तथा आवंछित आवाजाही पर रोक लगाने हेतु कई पॉइंट पर बैरियर इत्यादि लगाए जायेंगे व होम गार्ड और सैप के जवान वार्ड में तैनात रहेंगे। 24x7 त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) वॉकी-टॉकी के साथ तैनात रहेंगे जो अस्पताल व रिम्स परिसर की सुरक्षा की निगरानी करेंगे। इंटरनेट सेवा को दुरुस्त करने हेतु 13 महत्वपूर्ण जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है जिसका संचालन 1-2 दिनों में शुरू हो जायेगा।
बता दें कि, प्रभारी निदेशक रिम्स में कई महत्वपूर्ण बदलाव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं को दुरुस्त करना लक्ष्य है और मरीज़ो को सभी सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से सारे कदम उठाये जा रहे हैं। जिसमें इमरजेंसी एवं ट्रामा सेंटर में सुधार के लिए 18 वेंटीलेटर और सभी ऑक्सीजन प्वाइंट को कार्यशील किया गया है। साथ ही, 24 घंटे डॉक्टरों की मौजूदगी के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। साथ ही, प्रथम तल्ला पर 20 आईसीयू बेड और 1 ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जा रहा है।
रिम्स में मरीजों को मिलेगी दवा
अस्पताल में मरीज किसी तरह इलाज तो करा लेते हैं। लेकिन, सबसे बड़ी चुनौती दवा खरीदना हो जाता है। खैर इसे अब अस्पताल में ही उपलब्ध करा दिया गया है। जिन दवाओं की उपलब्धता नहीं हुई है उसे सुनिश्चित की जा रही है। वहीं, आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने वालों के लिए आयुष्मान मित्र और जगह-जगह कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात किये जायेंगे तथा इसे और सुदृढ़ किया जायेगा। फैकल्टी, डॉक्टरों व कर्मचारियों की समस्यों की सुनवाई भी की जा रही है।
वार्ड में भी हुआ सुधार व सुरक्षा दुरूस्त
मरीजों के साथ कोई परेशानी न हो इसके लिए अस्पताल परिसर के क्लीनिकल विभाग में 23 स्थानों पर सैंपल कलेक्शन पॉइंट की स्थापना की गयी है। फिलहाल, कलेक्शन पॉइंट सुबह 8 से रात 8 बजे तक संचालित होंगे| लेकिन, भविष्य में इसे 24x 7 करने की योजना है। सुरक्षा के मद्देनजर, अनावश्यक तथा आवंछित आवाजाही पर रोक लगाने हेतु कई पॉइंट पर बैरियर इत्यादि लगाए जायेंगे व होम गार्ड और सैप के जवान वार्ड में तैनात रहेंगे। 24x7 त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) वॉकी-टॉकी के साथ तैनात रहेंगे जो अस्पताल व रिम्स परिसर की सुरक्षा की निगरानी करेंगे। इंटरनेट सेवा को दुरुस्त करने हेतु 13 महत्वपूर्ण जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है जिसका संचालन 1-2 दिनों में शुरू हो जायेगा।
(रिपोर्ट:
पुष्पांजलि)
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