Jharkhand News: रांची में पहला झारखंड
हेपाटो-पैनक्रिएटो BILIARY समिट होने जा रहा है। यह कार्यक्रम आगामी 10 और 11 जून को सीसीएल के दरभंगा
हाउस में आयोजित होगी। इसमें देश के कई प्रमख डॉक्टर शामिल होंगे। कार्यक्रम के
मुख्य अतिथि झारखण्ड उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा होंगे। इस दो
दिवसीय समिट में झारखंड लीवर किडनी फाउंडेशन सहयोग कर रहा है। यह जानकारी डॉ. जयंत
घोष ने गुरूवार को रांची प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि हेपाटो-पैनक्रिएटो बिलियरी क्या है, इसकी जानकारी लोगों के
बीच नहीं है।
युवाओं के बीच है बड़ी परेशानी
बता दें कि, हेपाटो का मतलब होता है लीवर, पैनक्रिएटो का मतलब अग्न्याशय और बिलियरी का मतलब पित्त की थैली। इससे जुड़ी बिमारियों को मेडिकल की भाषा में हेपाटो-पैनक्रिएटो बिलियरी कहते हैं। हेपाटो-पैनक्रिएटो बिलियरी से आज लोग परेशान हैं। इसमें फैटी लीवर का बढ़ जाने के मामले अधिक आते हैं। सबसे ज्यादा लाइफ स्टाइल के कारण अधिकतर युवा जेनरेशन इससे प्रभावित हो रहे हैं। इससे फैटी लीवर की समस्या लगातार बढ़ रही है। काम के प्रेशर के कारण डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं।
जागरूकता फैलाना है उद्देश्य
गौरतलब है कि, इस समिट का मुख्य उद्देश्य मरीजों और डॉक्टरों के बीच जागरूकता फैलाना है। हेपाटो-पैनक्रिएटो बिलियरी बीमारी के इलाज में झारखंड के डॉक्टर भी योगदान दे रहे हैं। झारखंड के डॉक्टर इनसे जुड़ी बीमारियों का इलाज अपने स्तर से कर रहे हैं। लेकिन, बेहतर सेवा के लिए दिल्ली, कोलकाता, हैदाराबाद, बनारस, पटना से सीनियर डॉक्टरों की उपस्थिति रहेगी। इनमें नयी दिल्ली स्थित गंगाराम हॉस्पिटल के प्रोफेसर अनिल अरोड़ा, मैक्स साकेत के डॉ. विकास सिंगला, डॉ. आदेश चौधरी, डॉ. अमर मुकुंद, बनारस से डॉ. बीके दीक्षित, पटना से डॉ. संजीव वर्मा, डॉ. सौरव जायसवाल, कोलकाता से डॉ. सुप्रीयो घटक, डॉ. संजय मंडल, डॉ. सुजीत चौधरी, हैदराबाद से डॉ. मोहन राम चंदानी, प्रो. जीवी राव समेत अन्य डॉक्टर का मार्गदर्शन मिलेगा।
बता दें कि, हेपाटो का मतलब होता है लीवर, पैनक्रिएटो का मतलब अग्न्याशय और बिलियरी का मतलब पित्त की थैली। इससे जुड़ी बिमारियों को मेडिकल की भाषा में हेपाटो-पैनक्रिएटो बिलियरी कहते हैं। हेपाटो-पैनक्रिएटो बिलियरी से आज लोग परेशान हैं। इसमें फैटी लीवर का बढ़ जाने के मामले अधिक आते हैं। सबसे ज्यादा लाइफ स्टाइल के कारण अधिकतर युवा जेनरेशन इससे प्रभावित हो रहे हैं। इससे फैटी लीवर की समस्या लगातार बढ़ रही है। काम के प्रेशर के कारण डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं।
जागरूकता फैलाना है उद्देश्य
गौरतलब है कि, इस समिट का मुख्य उद्देश्य मरीजों और डॉक्टरों के बीच जागरूकता फैलाना है। हेपाटो-पैनक्रिएटो बिलियरी बीमारी के इलाज में झारखंड के डॉक्टर भी योगदान दे रहे हैं। झारखंड के डॉक्टर इनसे जुड़ी बीमारियों का इलाज अपने स्तर से कर रहे हैं। लेकिन, बेहतर सेवा के लिए दिल्ली, कोलकाता, हैदाराबाद, बनारस, पटना से सीनियर डॉक्टरों की उपस्थिति रहेगी। इनमें नयी दिल्ली स्थित गंगाराम हॉस्पिटल के प्रोफेसर अनिल अरोड़ा, मैक्स साकेत के डॉ. विकास सिंगला, डॉ. आदेश चौधरी, डॉ. अमर मुकुंद, बनारस से डॉ. बीके दीक्षित, पटना से डॉ. संजीव वर्मा, डॉ. सौरव जायसवाल, कोलकाता से डॉ. सुप्रीयो घटक, डॉ. संजय मंडल, डॉ. सुजीत चौधरी, हैदराबाद से डॉ. मोहन राम चंदानी, प्रो. जीवी राव समेत अन्य डॉक्टर का मार्गदर्शन मिलेगा।
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