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घरेलू कामगार महिलाओं की समस्याओं से निजात व अधिकार मिलने को लेकर विशेष कार्यशाला का आयोजन



Jharkhand News: राज्य की महिलाएं लगातार पैसे कमाने के उद्देश्य से पलायन कर रही हैं. जो झारखंड  में हैं भी उन्हें किसी घरों में काम कर अपना गुजारा करना पड़ रहा है. हालांकि, ये सभी पूरे ईमानदारी के साथ घरों के सभी काम को करती हैं. लेकिन इन्हें अब भी उचित मानदेय नहीं मिल पाती है. आज भी महिलाएं सरकार व घर के मालिक दोनों की अवहेलना और शोषण का शिकार हो रही हैं. इनके लिए न ही छुट्टी मिलती है, न स्वास्थ्य का लाभ, न भरपेट समय पर पौष्टिक भोजन, न पीने का साफ पानी, न आवास न ही बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा. फिर भी आज तक इनके लिए कोई कानून नहीं बनाई गई तो इन्हें न्याय  कौन देगा? हालांकि, इन मुद्दों को लेकर रांची के कांटाटोली स्थित होटल जेनिस्टा इन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. 

इस कार्यक्रम में एस.आई. दुर्गा जी ने बताई कि रेलवे जवान की ओर से लगातार मानव तश्करी की सूचना मिलती है. हैरानी की बात तो तब होती है जब  आरपीएफ के जवान ही शिकायतकर्ता और गवाह बनते हैं. लेकिन इसके जांच-पड़ताल के लिए हमें सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिल पाती है. यहां  तक कि  हमें मोबाइल और वाहन भी मुहैया नहीं  कराया जाता है. कई बार अपने वेतन की कमाई खर्च कर छानबीन करना होता है. एक और  खास बात कि  जो व्यक्ति या समूह घरेलू कामकाज के लिए राज्य से बाहर ले जाए रहे हैं वे भी बाहरी होते हैं. तश्करी हुई सभी महिलाएं इतनी गरीब रहती हैं कि उनके घर में बिछौना व बर्तन को छोड़ किसी और चीजों को हासिल नहीं मिलती है. ऐसे में उन्हें शिक्षित और पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध  करना होगा.

मौके पर सीनियर जर्नलिस्ट मधुकर जी ने बताया कि जितना नियम महिलाओं के लिए संविधान में लागू है यही सभी तरीके से पारित हो जाए तो उन्हें उनका अधिकार मिल जाएगी. समाज को इनके लिए आगे आना होगा आज भी महिलाओं को हीन भावना से देखा जाता है. ये कहां  तक सही है कि  घरेलू सभी काम महिलाएं  ही करेंगी. बाकि जब निर्णय लेने की बात आती यही तो पुरुषों का महत्व दिया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने महिला अधिकार तथा चुनौती पर अपने विचार को साझा किया.

बता दें, इस  कार्यक्रम में घरेलू कामगारों की रोजगार गारंटी, मानदेय, अवकाश, स्वास्थय, अधिकार व स्वतंत्रता संबंधी मुख्य विषयों पर चर्चा हुई. इसका आयोजन 'झारखंड एंटी ट्रैफिकिंग नेटवर्क' ने किया. जिसमें राज्य के कई जिलों के 13 संस्थाओं के मुख्यकार्यकारी तथा अन्य सदस्य प्रतिभागियों और घरेलू महिला कामगार कार्यशाला में उपस्थित हुए. प्रतिभागियों ने कई अहम मुद्दों पर वक्ताओं से सवाल-जवाब भी किए.

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