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की शुरुआत करने से पहले आपको बता दें, स्टिंग ऑपरेशन का सीधा संबंध गोपनीयता से है. इसमें
पत्रकार अपनी पहचान छिपाकर किसी भी तरह के गलत काम कर रहे
कारगुजारियों को सबके सामने प्रस्तुत करने का काम करता है. इसमें पत्रकार का धन का पीछा करना, निगरानी
करना, औचक निरीक्षण करना व बहरुपिया बनकर पुछताछ करने
जैसी कलाओं का अच्छा ज्ञान रखना होता है. अगर इसे एक
वाकया में समझें तो गुप्त रूप से घात लगाकर छुपे कैमरे द्वारा किसी भ्रष्टाचार या
कुकृत्य या अनैतिक कार्य को टेलीविज़न चैनल के माध्यम से उजागर करना.
इसकी शुरुआत वेबसाइट तहलका डॉट कॉम ने रक्षा सौदों में धांधली का
पता लगाने के लिए करीब 11 वर्ष पूर्व एक स्टिंग
ऑपरेशन किया था. उसे 'ऑपरेशन वेस्ट एंड' नाम दिया गया था. इसके तहत ब्रिटेन की वेस्ट एंड इंटरनेशनल नाम की फर्जी
कंपनी बनाई गई जो सैन्य सामानों की आपूर्ति करती थी.
वहीं, इसे विस्तार से बताएं
तो.. तहलका का एक पत्रकार वेस्ट एंड इंटरनेशनल का प्रतिनिधि बनकर
भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण के पास पहुंचा. उसने साल 2000 में दिसंबर महीने के 23 तारीख से वर्ष 2001 में 7 जनवरी तक उन्होंने आठ बार मुलाकात
की. इस दौरान उसने अपनी कंपनी के सामान को सेना में
सप्लाई कराने के एवज में लक्ष्मण को उनके ऑफिस में एक लाख रुपये की रिश्वत दी.
बरहाल इस पूरे घटनाक्रम की सीडी बनाई गई. हमने अब तक तो आपको सामान्य जानकारी दी
है माहौल तो तब बिगड़ा जब 13 मार्च, 2001 को तहलका द्वारा सीडी सार्वजनिक किया गया उसके बाद राजनीति में भूचाल आ
गया. बाद में, इस परिणाम से बंगारू लक्ष्मण को भाजपा अध्यक्ष
का पद छोड़ना पड़ा.
विकिपेडिया की एक वाकया को मानें तो
‘स्टिंग’ शब्द को 1973 में रॉबर्ट रेडफोर्ड और पॉल
न्यूमैन की फिल्म द स्टिंग द्वारा लोकप्रिय किया गया था. हालांकि, यह फिल्म एक पुलिस ऑपरेशन के बारे में नहीं है: इसमें दो ग्रिफ़्टर्स और
एक बड़ी राशि से एक भीड़ मालिक को ठगने के उनके प्रयासों को दिखाया गया है.
साल 1998 में, तीन एजेंसियां एक स्टिंग ऑपरेशन करने के लिए सेना में शामिल हुईं, जहां उन्होंने मियामी में एक तिजोरी से होंडुरास गुडविल मून रॉक को
सफलतापूर्वक बरामद किया. स्टिंग ऑपरेशन को "ऑपरेशन लूनर एक्लिप्स" के
रूप में जाना जाता था और इसमें भाग लेने वाली एजेंसियां नासा कार्यालय महानिरीक्षक, संयुक्त राज्य डाक निरीक्षण सेवा और अमेरिकी सीमा शुल्क थीं. अंडरकवर
एजेंटों को 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर में मून रॉक की
पेशकश की गई थी. वहीं , पत्रकार क्रिस्टीना रीड ने 2002 ई० में जियोटाइम्स में उस कहानी को ब्रेक
किया. ऑपरेशन लूनर एक्लिप्स और मून रॉक प्रोजेक्ट, जो
क्लॉक की पुस्तक 'द केस ऑफ़ द मिसिंग' मून रॉक्स का विषय था.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट को मानें तो प्रधान न्यायाधीश पी.
सदाशिवम के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा था कि न्यायालय ने आरके आनंद के मामले में
जनहित में स्टिंग ऑपरेशन को सही ठहराया था, लेकिन इसे
हर मामले में जायज नहीं ठहराया जा सकता. दरअसल, न्यायालय
ने कहा, ''भले ही एक अपराधी को पकड़ने के लिए स्टिंग ऑपरेशन
चलाया जाता हो, लेकिन इससे कुछ नैतिक सवाल खड़े होते
हैं. पीड़ित, जो कि अन्यथा बेक़सूर होता है. जिसे कुछ
परिस्थितियों में पूरी गोपनीयता बरतने का वादा कर
अपराध करने के लिए प्रेरित दिया जाता है.'' ऐसे में
न्यायालय का मानना है कि स्टिंग ऑपरेशन से एक और सवाल उठता है कि अपराध को सिद्ध
करने के लिए जिन तरीक़ों का इस्तेमाल किया गया वो अपने आप में दंडनीय है.''
खैर अब हम वर्तमान में चल रहे जी न्यूज़ के द्वारा चेतन शर्मा पर की
गई स्टिंग के बारे में बताते हैं. इससे पहले आपको ये
जान लेना बेहद जरूरी है कि चेतन शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता
में उनका नाम शुमार है. दरअसल, यह स्टिंग विवाद का रूप ले चुका है.
क्योंकि, इसमें जो खुलासे किए गए वह
चौंकाने योग्य हैं. वह इस स्टिंग ऑपरेशन में
कोहली-गांगुली विवाद से लेकर भारतीय खिलाड़ियों की खराब फिटनेस तक टिप्पणी करते
दिखे थे.
चेतन शर्मा ने आरोप लगाया था कि कई खिलाड़ी 80 से 85 फीसदी फिट होने के बावजूद प्रोफेशनल
क्रिकेट में वापसी के लिए इंजेक्शन लेते हैं. 57 साल
के पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा था कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी 80 प्रतिशत फिट होने पर इंजेक्शन लेते हैं और 100 प्रतिशत फिट हो जाते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पिछले साल
सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए
स्ट्रेस फ्रैक्चर से बुमराह की वापसी को लेकर उनके और टीम मैनेजमेंट के बीच मतभेद
थे. बुमराह अभी भी एक्शन से बाहर हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज से बाहर हो चुके हैं. वह भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों
की वनडे सीरीज में भी नहीं खेलते दिखेंगे. वहीं, उन्होंने
यह भी बताया कि पूर्व कप्तान कोहली और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली के
बीच अहंकार की लड़ाई थी.
बता दें, ये वही चेतन शर्मा दूसरों पर
आरोप लगा रहे हैं जिनकी अगुआई वाली चयन समिति को पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के बाद बर्खास्त कर दिया गया था. फिर भी इस साल उन्हें दोबारा
चीफ सेलेक्टर के तौर पर चुना गया था. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की नई सीनियर सिलेक्शन कमेटी में शर्मा के अलावा शिवसुंदर दास, सलिल अंकोला, सुब्रतो बनर्जी और श्रीधरन शरत
चार अन्य मेंबर्स हैं.
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