आखिर भारतीय में दूसरे देशों की नागरिकता लेने का
ट्रेंड क्यों बढ़ रहा है? प्रतिदिन इसमें सैकड़ों व्यक्ति कैसे शामिल हो रहे हैं? इन
सवालों का जवाब है आपके पास? लेकिन इसका जवाब हम देंगे. अगर पिछले साल यानि 2023
की बात करें तो 31 अक्तूबर तक 1,83,741
भारतीयों ने अपनी नागरिकता त्याग दी है. इसकी जानकारी विदेश
मंत्रालय के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने लोकसभा में दी. ऐसे में प्रतिदिन के
हिसाब से देखें तो 604 लोग अपने देश के मोह का बलिदान कर विदेशों में बस रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले दस साल में 16 लाख से भी अधिक लोग
भारतीय नागरिकता का परित्याग कर चुके हैं. वहीं, दूसरे देशों में नागरिकता व वीजा
दिलाने वाली कंपनी हेनरी एंड पार्टनर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इसमें लगातार
इजाफा ही होता जा रहा है.
करोड़पति की भी गिनती होती है इसमें
ऐसा माना जाता है कि विदेशों में जो लोग काम कर रहे होते हैं, उनमें से अधिकांश फिर उन्हीं देशों में बस जाते हैं. उदाहरण के लिए
अमेरिका में भारत से जाकर काम करने वाले 44 फीसदी लोग वहां की नागरिकता ले लेते
हैं. लेकिन पिछले पांच साल में यह ट्रेंड भी टूटा है. ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन
रिव्यू की एक रिपोर्ट की मानें तो साल 2020 में लगभग पांच हजार करोड़पति भारतीयों
ने भारत की नागरिकता छोड़कर विदेशों की नागरिकता हासिल कर ली थी. अमीर भारतीय
गोल्डन वीजा के जरिए ऐसा कर रहे हैं. जब कोई विदेशी व्यक्ति किसी अन्य देश में
संपत्ति या डोनेशन के रूप में भारी-भरकम निवेश करता है तो उसके लिए गोल्डन वीजा
हासिल करना आसान हो जाता है. और फिर कुछ सालों में गोल्डन वीजा के आधार पर
नागरिकता की राह भी प्रशस्त हो जाती है. हालांकि अलग-अलग देशों में गोल्डन
वीजा के अलग-अलग नियम हैं.
सर्वाधिक किस ओर कर रहे पलायन?
भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में बस
रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों में से करीब 45 फीसदी
लोग अमेरिका की नागरिकता ले लेते हैं. पिछले तीन साल के आंकड़े उठाकर देखें तो
करीब 4 लाख लोगों ने नागरिकता छोड़ी जिनमें से लगभग 1.70 लाख लोगों ने
अमेरिका को चुना. इसके बाद कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का नंबर आता है. चौथे नंबर पर
ब्रिटेन और पांचवें नंबर पर इटली है.
भारतीय नागरिकता छोड़ने की वजह जानें
सर्वप्रथम वजह तो विदेशों में मिलने वाली बेहतर वर्किंग
कंडीशन हो सकती है. शायद इस वजह से भारतीय वापस लौटकर नहीं आते होंगें. वहीं, एक
रिपोर्ट की मानें तो कई लोग व्यापारिक वजहों से भारतीय नागरिकता छोड़ रहे हैं. जिन
धनवान लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी, उनमें से 24 फ़ीसदी को लगता है कि भारत में
व्यापार के लिए अनुकूल माहौल नहीं है. साथ ही विदेशों में बसने वाले कई भारतीय
नागरिकता बनाए रखना चाहते हैं लेकिन भारतीय संविधान दोहरी नागरिकता रखने की अनुमति
नहीं देता है.
विदेशी नागरिकता प्राप्त प्रमुख
हस्तियां
अभिजीत बैनजी: इनके पास अमेरिकी नागरिकता है. इन्हें 2019 में पत्नी एस्थन के साथ अर्थशास्त्र का
नोबल पुरस्कार प्राप्त हुआ था.
सत्या नडेला: माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या के पास भी अमेरिका की
नागरिकता है. ये साल 2014 से सीईओ हैं.
अक्षय कुमार: हिंदी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता अक्षय कुमार ने
साल 2011 में भारतीय नागरिकता को छोड़कर कनाडा की नागरिकता हासिल कर ली थी. इसी वजह
से ये अक्सर विवादों में भी रहे हैं.
गोपीचंद हिंदुजा: ब्रिटेन के सबसे धनवान लोगों की सूची में शीर्ष पर
रहने वाले गोपीचंद भारत में जन्मे ब्रिटिश नागरिक हैं.
दीप्ती नवल: अमृतसर
की हैं, लेकिन पिता को अमेरिका में नौकरी मिलने पर वे भी वहीं शिफ्ट हो गईं और
वहां की नागरिकता ले ली.
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