प्रेस वार्ता के दौरान झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के सीईओ राखाल
चंद्र बेसरा ने कहा इस मेले में संध्या तीन बजे से शाम छह बजे तक सांस्कृतिक
कार्यक्रम भी चलेगी. साथ ही खादी बोर्ड के साढ़े तीन सौ स्टाल होंगे वहीं सरस के सौ
स्टाल होंगे. इन स्टाल के लिए निर्धारित दर बीस हजार से चालीस हजार है. दरअसल, यह
शुल्क पुरानी है इसमें इस बार कोई इजाफा नहीं किया गया है. खास ध्यान देने की बात
यह है कि इस बार भी कोरोना से बचने के लिए इसके सभी नियमों का पालन किया जा रहा
है. इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से लोगों के लिए हेल्थ चेकअप कैप की भी व्यवस्था
रहेगी. इसके अलावा बैंकों, आधार कार्ड आदि के स्टाल भी लगे होंगे. वहीं, धरती आबा
बिरसा मुंडा को ध्यान में रखते हुए खास प्रस्तुति की जाएगी.
गौरतलब है कि
महोत्सव में 6 हंगेर बनाए जा रहे हैं जिसमें दो जर्मन होंगे. दरअसल, सीईओ बेसरा ने
बताया कि खादी एवं सरस महोत्सव में कुल आठ सेक्शन के 320 स्टाल होंगे, जिसमें खादी
और सरस से जुड़े स्टाल भी शामिल रहेंगे. इन सभी हैंगरों के नाम पर्व और और नृत्य पर
होंगे. सरहुल, मागे, सोहराई एवं टुसू और छऊ, पाइका, झूमर एवं दसाई के नाम पर होंगे.
इन पर्वों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाएगी.
इस बार भी
राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव महात्मा गांधी को समर्पित करते हुए महात्मा गांधी को
सम्पर्पित करते हुए महात्मा गांधी के जीवन के हर पहलुओं को समेटे उनकी तस्वीरों के
माध्यम से उनके जीवन पर आधारित गांधी म्यूजियम होगा, जिससे लोग गांधी के विचारों
के साथ खादी के महत्व को समझ पाएंगे. उनके जन्म से बलिदान होने तक की गाथा इसमें
समाहित होगी. ताकि हर पीढ़ी के लिए लोग गांधी के महत्व और उनके कर्म को समझ सकें.
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