मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन आने से फिलहाल में राज्य की सियासत में सरगर्मी है. लेकिन इस बीच हम शिक्षा को लेकर चर्चा कर रहे हैं. दरअसल, हेमंत सरकार का लक्ष्य था कि राज्य में 4 हजार मॉडल स्कूल खोले जायेंगे. इसका फायदा दूर-दराज के भी बच्चे को मिल सकेगी, वे अच्छे शिक्षा पा सकेंगे. लेकिन यह पूरी तरह से विफल हो गई है. मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में 80 मॉडल स्कूलों का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है. परंतु, अन्य जिले में पहले से चल रहे 87 मॉडल स्कूलों को छात्र ही नहीं मिल रहे हैं.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में संचालित मॉडल स्कूलों में से अजीबो-गरीब खबर सामने रही है. बता
दें, मॉडल स्कूल में केवल छठी और 11वीं कक्षा में छात्रों का
एडमिशन लिया जाता है. ऐसे में पड़ताल के दौरान हमें पता चला 87 मॉडल स्कूलों के
एडमिशन की चौकाने वाली जानकारी मिली है. जानकारी मिली कि सत्र 2022-23 में 87 में
से 81 मॉडल स्कूलों में छठी क्लास में एक भी छात्र ने नामांकन नहीं कराया है.
सिर्फ 6 स्कूलों में ही 90 छात्रों ने छठी क्लास में एडमिशन लिया है. वहीं,
11वीं क्लास में 63 स्कूलों में एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया
है. 24 स्कूलों में 1316 छात्रों ने नामांकन कराया है. जबकि, एक मॉडल स्कूल के 11वीं में तीनों संकाय (साइंस, ऑटर्स
और कॉमर्स) मिलाकर 4500 सीटों पर दाखिला लेने की क्षमता है. गोड्डा के 2 मॉडल
स्कूल बंद हैं.
अब आप ही बताइए अगर झारखंड में शिक्षा का ऐसा हाल रहेगा
तो बच्चों का विकास कब हो सकेगा. केवल इतना ही अभी चौंकाने वाली और भी खबर हैं.
दरअसल,
राजधानी रांची के गुमला में स्थित पालकोट मॉडल स्कूल में केवल पांच
ही छात्र पढ़ते हैं. लेकिन पता है शिक्षक कितने हैं? नहीं न!
चलिए हम बता देते हैं वहां तीन शिक्षक हैं. वहीं बसिया में 12 छात्रों को एक ही
शिक्षक पढ़ा रहे हैं. इससे भी खास तो यह है कि राजधानी के 8 विद्यालय के छठी कक्षा
में एक भी छात्र नामांकन नहीं लिए. (इनपुट: दैनिक भास्कर)
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