Health News: केंद्र
सरकार ने दवा की गुणवत्ता और सही दवा की उपलब्धि सुनिश्चित करने के लिए बड़ा फैसला
किया है. बता दें, अब दवाओं और इंजेक्शनों के पैकेट पर बार कोड लगाया जाएगा. यह
व्यवस्था अगले साल 1 अगस्त लागू करने की तैयारी है. पहले दौर में देश में बिकने
वाली दवाईयों के टॉप 300 ब्रांड पर बारकोड लगाया जाएगा. बार कोड लगने से कोई भी
व्यक्ति दवा खरीदने पर मोबाइल फोन से यूनिक बार कोड स्कैन करके उसके असली-नकली होने
और रैपर पर किए दावे की पहचान कर सकेगा.
बार कोड स्कैन करते ही फोन पर दवा का ब्रांड नेम, निर्माता
कंपनी, उसका पता, बैच नंबर, निर्माण और एक्सपायरी की तारीख, कंपनी का लाइसेंस
नंबर और दवा की कीमत आ जाएगी. दवा या इंजेक्शन के हर स्ट्रिप पर 14 डिजिट वाला यूनिक
कोड होगा. पहले फेज में देश की 53 टॉप कंपनियों की दवाओं और उनके काम्बिनेशन पर
बार कोड लागू होगा.
इन प्रमुख दवाइयों पर लगेगा बार कोड
खबर के मुताबिक, एसिलॉक, एवोमिन, अजिथ्रल, बीटाडीन, बीकासूल, कालपॉल,
कोवाडेक्स, डेक्सोना, डोलो
650, डायनापार एक्यू, इकोस्प्रिन एवी,
फैबीफ्लू, ग्रिलिंक्टस, कोरेक्स
डीएक्स, मेफटाल स्पास, मोनोसेफ
इंजेक्शन, मॉन्टेयर एलसी, पैंटोसिड,
रैनटेक, सुमो, टैक्सिम ओ,
टेलमा, अल्ट्रासेट, जिफी
सहित कुल 300 दवाइयां इस सूची में शामिल है.
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