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झारखंड के इन भवनों पर कार्रवाई शुरू; अनाधिकृत निर्मित्त भवनों के नियमितीकरण के लिए सीमा व शुल्क भी निर्धारित, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिया निर्देश!

Jharkhand News: नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के शहरी क्षेत्र में किए गए अनाधिकृत आवासीय निर्माण को नियमित करने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है. बता दें, यह कार्रवाई माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर की जा रही है. दरअसल, विभाग के द्वारा इसके लिए  "अनाधिकृत आवासीय निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना -2022" का प्रारूप तैयार कर लिया है. इस योजना को मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी है.

लोगों को लाभ देने की प्रक्रिया शुरू
दरअसल, शहरी क्षेत्र में किए गए अनाधिकृत निर्माण को नियमितीकरण शुल्क के माध्यम से नियमितीकरण हेतु झारखंड अधिनियम, 2011 अधिसूचित किया गया था. परंतु बहुतायत संख्या में लोग इस अवसर का लाभ नहीं उठा सके. पुनः राज्य सरकार द्वारा "अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने के लिए योजना, 2019" अधिसूचित किया गया. विभिन्न निकायों तथा संगठनों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह योजना भी विभिन्न कारणों से आम जनता को रियायत पहुँचाने में विशेष कारगर नहीं हो सकी. उपरोक्त बिन्दुओं के आलोक में यह आवश्यकता महसूस की गई कि एक बार फिर अनाधिकृत निर्माण को संरचनात्मक स्थिरता एवं नियोजन मापदंड के दायरे में रखकर नियमित करने की कार्रवाई की जाए. उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 590 (1) एवं सह पठित धारा-434 के तहत दी गई शक्ति का उपयोग करते हुए राज्य सरकार अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने की योजना प्रतिपादित कर रही है. योजना के तहत 31 दिसम्बर, 2019 के पूर्व से निर्मित आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का नियमितीकरण हो सकेगा. इस योजना को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए लोगों से अगले एक महीने तक सुझाव और फीडबैक भी मांगे जायेंगे.

इन भवनों के लिए नियमितीकरण की सीमा निर्धारित
अनाधिकृत निर्मित्त भवनों के नियमितीकरण के लिए अनुमान्य निर्धारित सीमा कुछ इस प्रकार है. भवन की ऊंचाई 15 मीटर तक हो सकती है. लेकिन संरचना केवल ग्राउंड + 3 मंजिला (जी+3) का होना चाहिए. वहीं, 500 वर्गमीटर तक प्लॉट क्षेत्र (प्लिंथ क्षेत्र 100% तक) और 500 वर्गमीटर से अधिक का प्लाट क्षेत्र
, जिसका प्लिंथ क्षेत्र 75% या 500 वर्गमीटर, जो भी कम हो, होना चाहिए.

इन भवनों के लिए नियमितीकरण शुल्क निर्धारित
आवासीय और गैर आवासीय भवनों के लिए अलग-अलग शुल्क का निर्धारण किया गया है. नगर पंचायत स्थित आवासीय भवन के लिए 50 रूपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय के लिए 75 रूपये प्रति वर्गमीटर, म्युनिसिपल काउंसिल(नगर पालिका परिषद) स्थित आवासीय भवन के लिए 75 रूपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय भवन के लिए 100 रूपये प्रति वर्गमीटर तथा नगर निगम/विकास प्राधिकरण/IADA/NAC/नगर पालिका क्षेत्र स्थित आवासीय भवन के लिए 100 रूपये प्रति वर्गमीटर एवं गैर-आवासीय के लिए 150 रूपये प्रति वर्गमीटर की राशि देय होगी.

Source: Team PRD (CMO)

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