झारखंड में ईडी व आईटी की ताबड़तोड़ छापेमारी
दरअसल, राज्य में सियासी हलचल की भी एक खास वजह है. बता दें,
ईडी के साथ अब आयकर विभाग ने भी कार्रवाई तेज कर दी है. बीते दिन
शुक्रवार को आयकर चोरी के आरोप में कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह व
प्रदीप यादव के साथ-साथ लौह अयस्क कारोबारी शाह ब्रदर्स और खनन से जुड़े
अधिकारियों व ठेकेदारों के 70 ठिकानों पर हमला बोल दिया. लगातार छापेमारी की जा
रही है तो विधायक जी मीडिया प्रबंधन करते भी नजर आए. मिली जानकारी के अनुसार,
छापेमारी रांची, बेरमो, जमशेदपुर,
प. सिंहभूम, गोड्डा, दुमका,
सरायकेला, पटना और प. बंगाल में की गई.
छापेमारी में कई अहम दस्तावेज और नकदी मिलने की सूचना है, लेकिन
अफसरों ने इसे बताने से इनकार कर रहे हैं. हालांकि, दोषी
साबित होने की अब तक कोई खबर नहीं मिली है.
इधर, केंद्रीय एजेंसियों व भाजपा पर बरसे सीएम
राज्य के माहौल को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन केंद्रीय एजेंसियों व भाजपा
पर जमकर बरसते नजर आ रहे हैं. वे तरह-तरह के टिपण्णी कर रहे हैं. उन्होंने कहा
हमारी सरकार के द्वारा विकास को देख सहन नहीं कर पा रही है भाजपा. विपक्ष को
राजनीतिक ताकत के बल पर सत्ता नहीं मिली तो संवैधानिक ताकत से सत्ता हासिल करना
चाहती है. सरकार को डराने, हिलाने और गिराने के लिए
संवैधानिक संस्था ईडी, आईटी और सीबीआई का दुरुपयोग किया जा
रहा है. मुझे भी ईडी ने नोटिस देकर एक दिन में पूछताछ के लिए बुलाया. क्या मैं
संवैधानिक पद पर नहीं हूं? कोई चोर-उचक्का हूं जो ईडी ने इस
तरह बुलाया. आज भी सत्ताधारी दल के विधायकों के घर छापा पड़ रहा है. वहीं, अगर यह भाजपा का प्लान नहीं है तो आयकर अधिकारी को छापा मारने के लिए भाजपा की गाड़ी कैसे प्रदान की जा रही है?
इसका एक ही मकसद है आदिवासी और दलितों को कुर्सी से हटाना.
गुजरात सीएम से भी इस्तीफा की हो रही मांग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा सरकारी आंकड़ों के अनुसार गुजरात में पुल टूटने से
150 लोगों की मौत हो गई. लेकिन, सच्चाई ये नहीं है मुझे लगता
है उस हादसे में करीब 200 से भी ज्यादा लोगों की मौतें हुई है. केंद्र सरकार दूसरे
राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नैतिकता सिखा रहे हैं ? उनके
सीएम - मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. ये लोग लाशों पर भी राजनीति करते हैं और
अपना काला मुंह छुपाने के लिए कभी सोनिया गांधी तो कभी राहुल गांधी को ईडी,
सीबीआई का समन भेजते हैं तो कभी मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और केसीआर को. लेकिन
भाजपा के लोगों को नहीं. भाजपा के विपक्षी नेताओं को दोषी साबित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है.
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