सीधे तौर से इन्हें माना जा रहा है कि ये किसान
फर्जी हैं. इन्होंने पैसे लेने के लिए फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन
जब जांच की गई तो इनके नाम से कोई जमीन नहीं मिली. मई 2019 में राज्य के 30,97,746 किसानों ने योजना के तहत
रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें 11,20,323 किसानों के पास दस्तावेज नहीं हैं. इसलिए एक या दो क़िस्त के बाद
राशि रोक दी गई. वहीं, 4,07,043 किसानों की केवाईसी अपडेट
नहीं है, इस कारण भुगतान रोक दिया गया है. इस तरह राज्य में 15,
27,366 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि नहीं मिल
रही है. मई 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले किसानों के नाम
रजिस्टर्ड तो कर लिए गए. तब ऐसे लोगों ने भी रजिस्ट्रेशन करा लिया था, जो किसान नहीं थे. उनके पास जमीन के कागजात नहीं थे. सरकारी दस्तावेज में
अब ऐसे लोग योजना का लाभ लेने की पात्रता नहीं रखते हैं. इनको छोड़कर राज्य के 15,70,380 किसानों को योजना की राशि मिल रही है.
आईटीआर फाइल करने वालों की पहचान कर
रजिस्ट्रेशन रद्द करेंगे
11.20 लाख किसानों को 2020 और 4.07
लाख किसानों को अप्रैल 2022 से योजना की राशि नहीं मिल रही
है. सरकार ने ऐसे किसानों का भौतिक सत्यापन करने का आदेश दिया है. अधिकतर किसानों की
जमीन का खाता, प्लॉट व नाम गलत है. भौतिक सत्यापन अंचल स्तर
से कराने को कहा गया था. पीएम किसान सम्मान निधि योजना से हर साल 6 हजार रुपए तीन किस्त में मिलते हैं. किसानों का भौतिक सत्यापन और केवाईसी
अपडेट कराने के बाद फर्जी लोगों को लाभ नहीं मिलेगा. सरकार ऐसे लाभुकों को भी
चिह्नित कर रही है, जो आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के बाद
भी योजना का लाभ ले रहे हैं.
केंद्र ने किसानों को दिया
ई-केवाईसी अपडेट कराने का समय
खाता नहीं होने के कारण कई किसानों को के बाद योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है.
केंद्र सरकार ने ऐसे 4.07 लाख किसानों को ई-केवाईसी खाता
अपडेट कराने के लिए समय था. समय बढ़ते ही कृषि विभाग ने जिले के सभी अफसर और
कर्मचारियों को इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार कर किसानों से खाता करवाने का
निर्देश दिया गया. लेकिन, इस बीच कृषि विभाग में कार्यरत
कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, इसका भी असर पड़ा है.
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