झारखंड में किसान हमेशा सिंचाई से परेशान रहते हैं.
दरअसल, यहां कभी भी समय पर वर्षा नहीं होगी. ऐसे में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत
राज्य सरकार एवं मनरेगा योजना के बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना के तहत पूरे
राज्य में दो चरणों में एक लाख सिंचाई कूप का निर्माण किया जाएगा. प्रथम चरण में
जारी वित्तीय वर्ष में 50 हजार एवं दूसरे चरण में आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में
50 हजार सिंचाई कूपों का निर्माण किया जाना है. बता दें, ग्रामीण
विकास विभाग द्वारा इससे संबंधित प्रस्ताव पारित कर मंत्रिमंडल को भेजा गया है. सरकार जल्द इस पर फैसला ले सकती है.
गौरतलब है कि कूप निर्माण में व्यय होने वाली सामग्री मद की राशि
में राज्य सरकार द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. राज्य
सरकार द्वारा प्रत्येक कूप के लिए सामग्री मद में क्रमशः 50 हजार रुपए (बोल्डर से
बनने वाले कूप) तथा 1 लाख रुपए (ईंट से निर्मित कूप) देने का निर्णय लिया गया है.
दो फसली खेती को तीन फसली में परिवर्तित करने में
कुएं उपयोगी
राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी बिरसा हरित ग्राम योजना
(बीएचजीवाई) के अंतर्गत पौधों की सिंचाई में कूप सहायक सिद्ध हुए हैं. साथ ही दो
फसली खेती को तीन फसली खेती में परिवर्तित करने में भी सिंचाई कूप अत्यधिक उपयोगी
साबित हुए हैं. योजना की उपयोगिता के मद्देनजर राज्य सरकार एवं मनरेगा योजना से
बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना संचालित किये जाने का प्रस्ताव है. जिसके तहत
कुल एक लाख नए सिंचाई कूपों का निर्माण पूरे राज्य में किया जाना है.
योजना से रोजगार व परिसंपत्तियों का होगा सृजन
मनरेगा केंद्र प्रायोजित योजना है. जिसका उद्देश्य ऐसे
प्रत्येक ग्रामीण परिवार, जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक
श्रम करना चाहते हैं, उन्हें एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटी
युक्त रोजगार उपलब्ध कराना है. बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना उत्पादक
परिसंपत्तियों के सृजन, पर्यावरण की रक्षा, ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण, ग्रामीणों के शहरों की ओर पलायन को कम करने और सामाजिक समानता को बढ़ावा
देने का कार्य करती है. राज्य में मनरेगा योजनाओं की श्रेणी बी (व्यक्तिगत तथा
सामुदायिक लाभ की योजनाएं) अन्तर्गत विभिन्न योजनाएं यथा सिंचाई कूप, पशु शेड, बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना आदि का निर्माण वृहद पैमाने पर किया जा रहा है.
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