झारखंड से लगातार जघन्य अपराध के मामले व रोजगार
की बात हमेशा चर्चा में रहती है. लेकिन इस बार कुछ अजीब सा मामला धनबाद जिले से आ
रही है. बता दें, मनईटांड़ कुम्हारपट्टी की 23 वर्षीया सलोनी
ने बेकारबांध राजेंद्र सरोवर में कूदकर जान दे दी. खबर मिलने पर पुलिस तालाब से
बॉडी निकाल कर बरटांड़ के जालान अस्पताल ले गई, जहां उसे मृत
घोषित कर दिया गया. जिसके बाद शव को एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया. अब तक तक युवती के
परिजन को इसकी जानकारी नहीं थी.
हालांकि, पता चलने पर सदर थाने पहुंचे सलोनी के पिता
रवींद्र साव ने बताया कि उनकी बेटी ग्रेजुएट थी, घर में
बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी. कुछ दिनों से काफी परेशान थी और 7 दिनों से सोई नहीं थी. दोपहर में मनोचिकित्सक डॉ शिल्पी कुमारी से उसे
दिखलाया था. घर आने पर दवा खाकर सो गई. शाम चार बजे जागी और घर से निकल गई. फिर
उसकी मौत की ही खबर आई. रवींद्र साव की मनईटांड़ में राशन की दुकान है. उन्होंने
पुलिस को बताया कि देश शाम तक बेटी घर नहीं आई, तो उसे
ढूंढ़ना शुरू किया. उनके बेटे को रेलवे स्टेशन पर बेकारबांध तालाब में किसी युवती
की खुदकुशी की खबर मिली. वह बेकारबांध पहुंचा, तो सीढ़ियों
पर पड़ी चप्पल से बहन की पहचान की. उसने फोन से पिता को खबर दी, उसके बाद वे थाने पहुंचे.
डिप्रेशन में नहीं थी, पर करियर को लेकर परेशान थी : डॉक्टर
इस मामले पर सलोनी का इलाज करनेवाली डॉ शिल्पी कुमारी ने बताया कि उसने 7 दिनों से नहीं सोने की बात कही थी. लेकिन डिप्रेशन में नहीं थी, पर कैरियर को लेकर परेशान जरूर थी. अभिभावकों को ज्यादा सतर्क रहने की
जरूरत है. मनोचिकित्सक की सलाह आज हर हाथ में मोबाइल है. सब अपने-आप में खोए रहते
हैं. ऐसे में पूरा परिवार साथ बैठ कर समय व्यतीत करें. स्कूलों में काउंसलर होते
हैं. टीचर ऐसे बच्चों की पहचान करें.
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