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Tejaswini Workers Protest: राजभवन के समक्ष झारखंड राज्य तेजस्विनी संघ का धरना, ये है इनकी मांगें

Tejaswini Workers Protest: झारखंड तेजस्विनी कर्मचारी संघ ने अपनी पांच सूत्री मांगों के समर्थन में राजभवन के पास प्रदर्शन किया. इनकी कार्य अवधि विस्तार नहीं होने से दस हजार कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है.

राजभवन के समक्ष प्रदर्शन करते झारखंड तेजस्विनी कर्मचारी संघ 

Tejaswini Workers Protest: झारखंड तेजस्विनी कर्मचारी संघ अपनी पांच सूत्री मांगों के लिए सोमवार को सीएम आवास के पास प्रदर्शन करने पहुंची। हालांकि, रांची प्रशासन की मौजूदगी में लोहे की बेरिकेडिंग कर रोक दिया गया। उन्होंने बेरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश भी की। लेकिन, तमाम कोशिशों के बावजूद इसमें नाकाम रहीं।

दरअसल, कुछ ही महीनों पहले तेजस्विनी परियोजना में कार्यरत कर्मियों ने मंत्री जोबा मांझी को अपने मांगों से संबंधित मांग पत्र सौंपा। उन्होंने मंत्री को बताया कि, तेजस्विनी परियोजना से झारखंड के 17 जिलों में महिलाएं जुड़ी हुई हैं और रोजगार सृजन कर रहे हैं। फिर भी, हमें 25 अगस्त के बाद बेरोजगार कर दिया जा रहा है। ऐसे में इस परियोजना में कार्यरत कर्मियों ने मांग की है कि, दीर्घकालीन अवधि विस्तार के साथ स्थाई समायोजन किया जाए।

बता दें कि, तेजस्विनी परियोजना कर्मचारी संघ सरकार के निर्णय का विरोध कर रहा है। राजभवन के समक्ष प्रशासन के द्वारा उन्हें रोकने के बाद वह प्रधान सचिव वंदना डाडेल से मुलाकात करने की गुहार लगाई। इसके बावजूद कई महिलाएं बेरिगेड तोड़ आगे बढ़ने की कोशिश की। वहीं, इस प्रदर्शन में कई ऐसी महिलाएं शामिल थी जो अपने बच्चों को साथ लेकर आईं थी। अपनी आवाज बुलंद करने के लिए भारी बारिश में भी भींगती रही।

दस हजार कर्मचारियों का भविष्य खतरे में
: सुनील साह
झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुनील साह ने कहा कि हम घंटों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके पहले भी सरकार को अवगत कराया था। क्योंकि, अवधि विस्तार नहीं होने से
10 हजार कर्मचारियों का भविष्य खतरे में है। इसमें राज्य के 17 जिलों के कर्मचारियों शामिल हैं। कर्मचारी साल 2017 से महिलाओं और किशोरियों को सशक्त करने का काम कर रहे हैं। कोरोना काल में भी उन्होंने काम किया।

इस मकसद से शुरू हुई थी परियोजना

2017 में रामगढ़ और दुमका से प्रोजेक्ट पाइलट के माध्यम से यह परियोजना शुरू किया गया था। इसके तहत 14 से 25 साल की किशोरियों को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार देना लक्ष्य है। साथ ही किशोरियों और गर्भवती महिलाओं पर भी ध्यान देना है। ताकि, कुपोषण दर में कमी लायी जा सके। इस परियोजना के तहत जिन किशोरियां ने मैट्रिक की परीक्षा नहीं दी है, उन्हें मैट्रिक की परीक्षा भी दिलानी है

ये है तेजस्विनी कर्मचारी की मांगें

·       तेजस्विनी कर्मचारियों को स्थाई समायोजन करना।

·       स्थाई समायोजन होने तक दीर्घकालीन अवधि विस्तार करना।

·       तेजस्विनी कर्मचारियों को यात्रा भत्ता देना।

·       तेजस्विनी महिला कर्मचारियों की कार्य क्षेत्र में सुरक्षा की गारंटी एवं मातृत्व अवकाश देना।

·       तेजस्विनी कर्मचारियों को दुर्गम एवं पहाड़ी भत्ता के साथ साथ राज्य कर्मियों के भांति सभी सुविधा देना।


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