Jharkhand News: रांची के प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा हरमू रोड में रविवार को “नशा मुक्ति अभियान” आयोजित किया गया। इस अभियान में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन के साथ डीएसपीएमयू व आरयू के कुलपति भाग लिया। हालांकि, नशा मुक्ति अभियान की सफलता अकेले सिर्फ एक संगठन की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिए समाज के सभी सदस्यों के सामूहिक प्रयास व सहयोग करने की आवश्यकता है।
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नशीली दवाओं से हो जीवन बर्बाद
इस मौके पर माननीय राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि नशाखोरी आधुनिक समाज की सबसे ज्वलंत समस्याओं में से एक है। कई मायनों में यह लाईलाज बीमारियों से भी अधिक खतरनाक है। नशीली दवाओं के सेवन से उनका जीवन तो बर्बाद होते ही हैं, उनके परिवार को भी बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ता है। उन्होंने ‘नशा मुक्ति अभियान’ के आयोजन लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का सराहना की।
गलत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मासूमों को दी जाती है नशीली दवा
बता दें कि, डीएसपीएमयू के कुलपति तपन कुमार शांडिल्य ने बताया कि मादक द्रव्यों का सेवन एक गंभीर मुद्दा है। इससे समाज बहुत लंबे समय तक त्रस्त है। इसकी मदद से अनगिनत लोगों की जान गई है जो एक परिवार व समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। ऐसे में नशीले पदार्थों के सेवन व इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता पैदा करने का उद्देश्य सराहनीय है। क्योंकि, स्वार्थी लोगों द्वारा अपने गलत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मासूमों को नशीली दवा दी जाती है, ऐसे कई उदाहरण भी सामने आए हैं। इसलिए, हम सामूहिक रूप से प्रयास कर एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और नशामुक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।
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