ChatGPT and Google Bard: इन दिनों में चैट जीपीटी और गुगल बार्ड की ही चर्चा सुर्खियों में है. दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल के ये दोनों प्रमुख हथियार हैं, जो लोगों की परेशानियों को दूर कर जीवन सुगम बना रहे हैं. पर भारत में इन पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गयी है. भारत में इनकी मनमानी अब नहीं चलेगी. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल को आने वाले दिनो में कंट्रोल करने के लिए सरकार कुछ नए नियम जारी करने जा रही है.
बता दें कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम पर कुछ भी चल रहा है. कोई
भी ऐप बनाकर अपना धंधा चला रहा है. जबकि AI के बेवजह इस्तेमाल को लेकर एक्सपर्ट पहले ही आगाह कर चुके हैं. एक्सपर्ट का
कहना है कि AI टूल आने वाले वक्त में
इंसानों के लिए भष्मासुर साबित हो सकते हैं. ऐसे में मोदी सरकार AI के इस्तेमाल को लेकर नियम-कायदे व कानून लेकर आ रही
है. जिसे AI में महारत हासिल रखने
वाली Microsoft के ChatGPT और Google Bard की मनमानी पर नकेल कस
जायेगी. भारत ही नहीं, यूरोपीय देशों और अमेरिका
से भी AI को रेगुलेट करने की मांग उठ चुकी है. पर सबसे पहले
भारत ने साफ कर दिया है कि AI इनेबल्ड प्लेटफॉर्म के
लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बनाया जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार AI के एल्गोरिदम की खामियों और कॉपीराइट इश्यू को लेकर फ्रेमवर्क जारी करेगी. बता
दें कि, मौजूदा वक्त में AI गानें बनाने से लेकर
स्क्रिप्ट राइटिंग और पेंटिंग तक बना रही है. इसमें कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन हो
रहा है. साथ ही क्रिएटिव राइटिंग करने वाले और म्यूजिक और गानों बनाने वाले लोगों
को भी नुकसान हो रहा है. केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार जब Chat GPT जैसे प्लेटफॉर्म की बात
आती है, तो कॉपीराइट,
एल्गोरिथम के पूर्वाग्रह
को लेकर चिंता बढ़ जाती है. इसलिए भारत ग्लोबल स्टैंडर्ड के रेगुलेशन के जरिए AI टूल्स को कंट्रोल करेगा. इसे लेकर भारत बाकी देशों से
भी बातचीत कर रहा है. यूरोपीय यूनियन और चीन की ओर से AI के रेगुलेशन के लिए पहले ही ड्रॉफ्ट रूल जारी कर दिए
गए हैं.
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