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Vendor Market Ranchi: विनय जैन ने नेत्रहीनता को नहीं बनने दी बाधा, हौसले से चलाते हैं अपनी दुकान

फोटो कैप्शन: विनय जैन, दुकानदार, वेंडर मार्केट



Vendor Market Ranchi:
आज अपने ब्लॉग की शुरूआत इस कहावत हौसला बुलंद हो, तो कामयाबी कदम चूमेगी से कर रहा हूं. क्योकि, यह कहावत रांची के वेंडर मार्केट में दुकान चला रहे एक व्यक्ति से खूब मिलती है.  दरअसल, राजधानी रांची के विनय जैन के साथ एक घटना घटी जिसमें उन्होंने अपनी आंख की रोशनी गंवा दी. लेकिन, उन्होंने अपनी शारीरिक कमी को कमजोरी नहीं बनने दी. अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पिछले 32 वर्षों से बैग-थैले  की दुकान चला रहे हैं.

विनय जैन बताते हैं कि एक दिन अचानक 52 फीट गहरा कुआं में गिर गया. उस घटना में मेरी दोनों आंखों की रोशनी चली गई. उस दौरान परिवार में कोई कमाने वाला भी नहीं था और घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. तो किसी के सामने हाथ फैलाने से बढ़िया है कि खुद से मेहनत कर पैसे कमाएं. फिर, अपनी दुकान चलाने लगे. लगातार एक ही पेशे का काम करने से सामान को छू-कर पहचान लेता हूं. अब तो बैग-थैले को हाथ में लेते ही कीमत भी पता चल जाती है. फिर भी, अगर किसी तरह की परेशानी होती है तो आस-पास के दुकानदार मदद करते हैं.

बता दें कि, विनय कई वर्षों से रांची में रह रहे हैं. अपनी मकान न होने के कारण पहाड़ी टोला में किराये पर रहते हैं. जिसके महीने में 2200 रुपये देने होते हैं. इसके साथ ही बच्चे को भी पढ़ा रहे हैं. दुकान से खर्च तो पूरे हो रहे हैं. लेकिन, महंगाई को देखते हुए अब सरकार से आवास की मांग कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा किसी के सामने हाथ फैलाने से बेहतर काम करें.
बस जरूरत है तो ऐसे गोल सेट करने की जो आपको स्ट्रेच करें, ऐसी चीजें करने के लिए आपको प्रोत्साहित करें, जिसे अभी तक आपने कभी नहीं किया है. बाकि, आपकी मेहनत खुद कामयाब बना देगी.




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