डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध
संस्थान के निदेशक श्री रणेन्द्र कुमार ने
जानकारी दी कि रामगढ़ जिले के पतरातु में 28 जनवरी से 3 फरवरी तक द्धितीय जनजातीय एवं लोक चित्रकार शिविर का आयोजन किया गया. इस
शिविर में देशभर के विभिन्न राज्यों के परंपरागत चित्रकारों ने भाग लिया और अपनी
चित्रकला के माध्यम से अनेकता में एकता का संदेश दिया.
वहीं, श्री रणेन्द्र ने बताया कि इस जनजातीय और
लोक चित्रकार शिविर में पहली बार उत्तर-पूर्व राज्यों (नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय,
असम और त्रिपुरा) के चित्रकारों ने भी भाग लिया और अपने रंग का जादू
चलाया. उन्होंने कहा कि इसके अलावे आदिवासी समुदाय के जो आचार्य शांति निकेतन,
पश्चिम बंगाल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय एवं
अन्य विश्वविद्यालयों में चित्रकला का अध्यापन कर रहे हैं. खास बात तो यह है कि उन्होंने
भी इस बार शिविर में भाग लिया. ऐसे में चित्रों की प्रदर्शनी को 4 फरवरी से 6 फरवरी तक ऑड्रे हाउस की लगाई गयी है.
जिसमें केरल से लेकर लद्दाख ,गुजरात से नागालैंड तक के 70 से अधिक जनजातीय और लोक चित्रकारों ने इस 7 दिवसीय
शिविर में भाग लिया. इस प्रर्दशनी की भगवान बिरसा मुंडा की चित्रकला सीरीज लगाई है.
रंगों के माध्यम से चित्रकारों ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के विभिन्न रंगों के
प्रस्तुत किया है.
(इनपुट: IPRD)
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