नववर्ष का शुरुआत हो चुका है और फिलहाल आज इस साल का ग्यारहवां दिन है. तथापि नूतन वर्ष २०२३ की हार्दिक शुभकामनाएं. हालांकि, अभी तक आपने ये दो पंक्ति ही पढ़ी है लेकिन आपके जिह्न में सवाल जरूर आ रहा होगा कि एक खबर वाली वेबसाइट पर ऐसी बातों का जिक्र क्यों? अगर हम अपने मत की मानें तो यह सवाल मेरे अन्दर भी जरूर आती.
दरअसल, आप मेरा ब्लॉग
पढ़ रहे हैं.. और अगर आप पहले कभी हमारी स्टोरी को पढ़ा होगा तो सीमित शब्दों में
पाया होगा. लेकिन यह हमारा अपना ब्लॉग है तो जाहिर सी बात है कि निष्पक्षता के साथ
अपनी अनुभव को आपके समक्ष परोस सकूं. पेशे से मैं एक पत्रकार हूं जो देखता हूं,
लिखता हूं और जिसे लिख न सका उसे विडियो स्टोरी के रूप में प्रस्तुत करता हूं. यहां कोई ये न कहने वाला है कि कम शब्द में लिखो
इसके बारे में अच्छाइयां मत लिखो.. ये वाक्य हटा दो, इन शब्दों को जोड़ लो. अगर मुद्दे
की बात करें तो वर्तमान में पत्रकारिता की पढ़ाई भी कर रहा हूं.
गौरतलब है कि हमारा
नामांकन रांची स्थित डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं
जनसंचार विभाग में है. इस विभाग की जितनी तारीफ़ करूं कम है. इनके सभी फैसले छात्र
हित में लिए जाते हैं. अगर आप किसी संस्थान से जुड़े होंगे तो आपने ये पाया होगा कि
किसी भी कार्यक्रम या पहल को पूर्णरूपेण तय करते हुए सूचना आपको दे दी जाती है.
लेकिन हमारे यहां कि ये खासियत है कि किसी भी फैसले को लेने से पहले सभी छात्र को शिक्षक
कैबिनेट बैठक में सम्मान सहित आमंत्रित कर जनवादी तरीके से तय करते हैं. इसीलिए, लोग
इसे केवल एक विभाग ही नहीं बल्कि परिवार मानते हैं. शायद हम इस परिवार का हिस्सा
है इस वजह से भी खुद को हमेशा गौरवान्वित महसूस करते हैं. आज भी एक बैठक हुई जिसकी
जानकारी आपको आगे संक्षेप में मिलेगी.
बता दें, दिसंबर का महीना आते ही लोग पिकनिक मनाना शुरू
कर देते हैं. ऐसे में हमारा एसजेएमसी विभाग के द्वारा भी बुधवार के दिन एक बैठक का
आयोजन विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन में किया गया. इस बैठक की शुरुआत विभाग के
फैकल्टी विकास शर्मा के द्वारा किया गया. उन्होंने बताया हमारा विभाग ‘स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास
कम्युनिकेशन’ की शुरुआत महज बीस छात्रों के साथ साल 2019 में 18 सितम्बर को हुई
थी. लेकिन आज आपकी संख्या अनगिनत हो गई है और आप सभी विद्यार्थियों को एक साथ एक
परिवार के रूप में यहां देखकर काफी ख़ुशी हो रही है. केवल इतना ही नहीं इस विभाग के
कई छात्र बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं इससे ये कहा जा सकता है कि हमें सफलता मिल
रही है लेकिन पूरी तरह सफल नहीं हुए हैं, अभी कई मंजिल पाना बाकी है. उन्होंने इन
बातों से सभी को मोहित कर दिया. इसके बाद वे पिकनिक की विभिन्न बिन्दुओं को सभी के
सामने रखा. हालांकि, उसके बाद कई तर्क-वितर्क हुए. सभी ने अपनी बातों को रखा. उस दौरान बैठक में सैकड़ों की संख्या में छात्र उपस्थित
हुए थे.
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छात्रों के द्वारा चयनित पर्यटन स्थल के नाम अभिलिखित करतीं अंजलि |
जैसा कि आप भी जानते
होंगे या कभी अनुभव किए होंगे कि जब भी कहीं जाने का मन होता है तो सबसे पहले उचित
स्थान का चयन करते हैं. इसी तरह हमारी बैठक में भी सबसे पहला पिकनिक स्पॉट का नाम
नेतरहाट आया. इससे पहले आपको ये कह देना चाहता हूं कि सभी इसमें अपना समर्थन दिया
लेकिन काफी दूरी होने की वजह से नाम वापस ले लिया गया. क्योंकि, कई विद्यार्थी इस
टूर में शामिल नहीं हो पाते. उसके बाद छात्रों को अपने पसंदीदा जगह बताने को कहा
गया और जहां सभी जाने में सक्षम हों. अब परिणाम का क्या था! लावापानी, दसम, पलानी,
रीमिक्स, पंचघाघ, पेरवाघाघ और पांडा पुडिंग जलप्रपात का नाम सामने आया. जिसके बाद आपस
में चर्चा का विषय बन गया. बाद में, सभी के कक्षा को नेतृत्व करने लिए छात्रों को
चयनित किया गया. जिममें बीजेएमसी सेम-I से आर्या व मनोजीत, बीजेएमसी सेम-III से संजना व
सूरज, बीजेएमसी सेम-V से रेखा व प्रेम का नाम सामने आया.
वहीं, बीएफएम सेम-I से भावेश व आकाश, एमएफएम सेम-I से अंजलि व उत्सव तो एमएफएम सेम-III से अनिकेत व
मनीषा चयनित हुईं.
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विकास सर को अपनी उपस्थति दर्ज कराते कक्षा प्रतिनिधि |
इस मौके पर
छात्रों ने कहा झीलों के बीच पिकनिक मनाना अच्छा रहेगा. क्योंकि, झील पहाड़ों से
घिरी होती है और इससे सभी आकर्षित होंगे. पहाड़ों पर लगे हरे-भरे पेड़-पौधे भी मन को
प्रफुल्लित करेगा. वैसे झारखण्ड प्रकृति वादियों को गोद में बसी हुई है ये हम सभी जानते
हैं लेकिन पिकनिक के दौरान करीब से देख सकेंगे. साथ ही अपने शिक्षकों व साथियों के
साथ शिक्षा को भी कई रूपों में अनुग्रहण कर सकेंगे. साथ ही अपने विभाग का भी
शुक्रगुजार हूं कि अन्य संस्थान की भांति नहीं बल्कि हमें हमारी बातों रखने की
यहां स्वतंत्रता प्रदान की जाती है.
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उचित फैसले के लिए ख़ुशी व्यक्त करते छात्र व शिक्षकगण |
बैठक के दौरान
विभाग की फैकल्टी दीप्ती गौरव ने कहा छात्र जीवन में पर्यटन या भ्रमण बेहद महत्वपूर्ण
होता है. क्योंकि, इस दौरान छात्र
पर्यावरण से आप परिचित हो पाते हो. वहीं पत्रकारिता एवं जनसंचार के छात्र को अलग-अलग
जगह पहुंचना चाहिए. अगर आपको शैक्षणिक भ्रमण का मौका मिले तो उसमें जरूर शामिल
हों. साथ ही पिकनिक के संबंध में फैकल्टी रवि प्रकाश ने कहा वैसी जगह पिकनिक के
लिए आप चुनें जहां जल्दी पहुंच सकें ताकि आपको मस्ती करने के लिए 4-5 घंटे समय मिल
सके. और ऐसी जगह रांची से 40 किमी के दायरे में रहे तभी ये संभव होगा. मेरी मानें
तो रीमिक्स व पंचघाघ जलप्रपात इस दायरे में आ सकती है. इनमें से खास तो ये है कि सड़क
से पार्किंग की सुविधा भी अच्छी है. साथ ही बाजार भी नजदीक है. इस मौके पर विभाग के
शिक्षक सतीश सिंह, अंकिता कुमारी व मो० रमीज़
समेत अन्य मौजूद रहे.
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