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Jharkhand News: होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री गुलमोहर मॉडल का किया उद्घाटन, कहा सरकारी स्कूलों में भी सीबीएसई की तर्ज पर होगी पढ़ाई


Ranchi: अगर राज्य के शिक्षा की बात करें तो सभी यही कहते हैं कि झारखंड में शिक्षा के स्तर को ऊंचाइयों पर ले जाना है. परंतु, क्या यह वाकई में हो पाती है. इसका जवाब आपको किसी भी एक सरकारी स्कूल में जाने के बाद मिल जाएगी. हालांकि, वर्तमान शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के द्वारा इसपर कई पहल ली जा रही है. बता दें, सेव द चिल्ड्रेन के द्वारा रांची के होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा राज्य के शिक्षा स्तर को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए शिक्षा विभाग ने इसके लिए तैयारी कर ली है. नए-नए प्रयोग किये जा रहे हैं. ग़रीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 80 नए स्कूलों का निर्माण कराया जा रहा है. साथ ही सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों की बराबरी पर लाकर खड़ा करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है. अब सरकारी स्कूलों में भी सीबीएसई की तर्ज पर पढ़ाई होगी. इसके लिए 25 स्कूलों में पढ़ाई की स्वीकृति दी गई है. साथ ही निर्माणाधीन 80 स्कूलों में से  50 नये स्कूलों का उद्घाटन 29 दिसम्बर को किया जाएगा. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने सेव द चिल्ड्रेन की ओर से स्कूली बच्चों को वीडियो के माध्यम से पढ़ाई करने के लिए तैयार किये गए गुलमोहर मॉडल का भी उद्घाटन किया.

पढ़ाई का रंग बदल देगी सरकार
शिक्षा मंत्री श्री जगरनाथ महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है. शिक्षा विभाग भी इससे अछूता नहीं है. सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करा रही है और इस दिशा में प्रयास जारी भी है. सरकार द्वारा बच्चों को पढ़ाई हेतु हर सहयोग किया जा रहा है. कक्षा
9 तथा 10 के छात्रों को मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना के तहत राशि उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि हमने स्कूलों का रंग बदल दिया है, बच्चों के स्कूल ड्रेस का रंग बदल दिया है और पढ़ाई का रंग भी बदल देंगे, जिससे सरकारी और निजी स्कूलों के बीच का फर्क मिटा जाएगा. उन्होंने कहा कि स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा में भी पढ़ाई होगी. इसके लिए विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है.

सेव द चिल्ड्रेन का कार्य सराहनीय
हालांकि, शिक्षा मंत्री ने अपने ओर से ली जारी पहल को भी सभी के बीच साझा की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों में संस्थाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण है और सेव द चिल्ड्रेन जैसी संस्था आगे आकर बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में जो कार्य कर रही है जो सराहनीय है. सेव द चिल्ड्रेन पूरे झारखंड में बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा को सुदृढ़ करने में कार्य करे
, इसमें सरकार द्वारा जो भी सहयोग की अपेक्षा होगी उसे पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के सामाजिक कार्य में सभी को आगे आना होगा. लोगों को भी अपनी महती भूमिका निभानी होगी. अभिभावकों को अपनी इच्छाशक्ति को दृढ़ करना होगा, साथ ही इस तरह की संस्थाओं को सरकार के साथ क़दमताल करते हुए बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में कार्य करना होगा.

बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा को सुदृढ़ करना उद्देश्य
सेव द चिल्ड्रेन के राज्य प्रमुख श्री महादेव हांसदा ने कहा कि बच्चों की प्रारम्भिक शिक्षा को सुदृढ़ करना ज़रूरी है. ग्रामीण क्षेत्रों  में बच्चों को स्कूल जाने के लिए तैयार करने हेतु हमारी संस्था कार्य कर रही है. कई ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है. हमारी संस्था बच्चों की शुरुआती शिक्षा को सहज बनाने का प्रयास करती है. झारखंड सरकार की स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से हम बच्चों के प्रारम्भिक शिक्षा को मजबूती देने का प्रयास कर रहे है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्था झारखंड सहित पांच राज्यों में काम कर रही है. जिसमें झारखंड के दो जिलों पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो और तांतनगर प्रखंड और गुमला के भरनो और सिसई प्रखंड शामिल है.

वहीं, सेव द चिल्ड्रेन के श्री अविनाश ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग  के सहयोग  से संस्था द्वारा  झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम और गुमला जिला में किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला साथ ही गुलमोहर मॉडल के बारे में बताया.

इस कार्यक्रम में पश्चिमी सिंहभूम और गुमला के जिला शिक्षा पदाधिकारी, श्री मधुकर, यूनीसेफ़ की श्रीमती पारुल, सेव द चिल्ड्रेन के डिप्टी डायरेक्टर श्री अविनाश और विभिन्न जिलों से आए स्कूल के बच्चे, आंगनवाड़ी सेविकाएं आदि उपस्थित थे.

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