जब भी हम किसी काम को लेकर बात-चीत करते हैं तो
सबसे पहले समय की बात की जाती है. दरअसल, समय हमारे जीवन का सबसे मह्त्वपूर्ण
हिस्सा होता है. ऐसे में समय की पाबंदी को लेकर कबीर दास जी का एक दोहा आज भी
विश्व प्रसिद्ध है 'काल करे सो आज कर, आज करे सो अब'. इस दोहे के मुताबिक़ व्यक्ति को
हमेशा समय से थोड़ा आगे रहना चाहिए. समय एक बार निकलने के बाद कभी वापस नहीं आता
है. इसलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति समय की क़द्र नहीं करता, समय भी उसकी क़द्र नहीं करता है. समय का सम्मान करने वाले व्यक्ति न
सिर्फ़ जीवन में सफल होते हैं बल्कि समाज में भी उनकी इज़्ज़त होती है. इसलिए अपने
जीवन में अपनाएं ये नियम..
घड़ी 15 मिनट आगे रखें
घर की मुख्य घड़ी जिसे देखकर आप काम करते हैं, उसे हमेशा 15
मिनट आगे रखें. इससे फ़ायदा ये होगा कि आप कॉलेज, दफ़्तर के
लिए थोड़ा पहले निकल जाएंगे और रास्ते में ट्रैफिक के बावजूद वक़्त पर पहुंचेंगे।
इसके अलावा घर के कार्य भी समय से थोड़ा पहले हो जाएंगे. लेकिन घड़ी का समय 15
मिनट आगे है ये सोचकर कार्य न करें अन्यथा कोई लाभ नहीं होगा.
समय से पहले शुरू करें काम
हर काम को समय से पहले करने की कोशिश करें. उदाहरण के लिए, यदि कोई मीटिंग दोपहर 1 बजे शुरू होने वाली है तो उसे अपने शेड्यूल में
12:50 पर रखें. इससे मीटिंग में सभी लोग समय पर पहुंच जाएंगे. स्कूल के लिए बच्चों
को तैयार करने के लिए भी सुबह 10 मिनट पहले उठाएं. इससे आख़िरी समय की हड़बड़ाहट से
बच जाएंगे.
आत्म अनुशासन ज़रूरी है
समय का पाबंद होने के लिए सबसे ज़रूरी है. अक्सर लोग काम को टालते रहते हैं या फिर
काम ज़रूरत से ज़्यादा कर लेते हैं, जिस कारण देर हो
जाती है. ऐसे में कोई काम समय पर पूरा नहीं हो पाता है. जो काम तय किए हैं उन्हें
सम पर करें. एक और काम कर लेते हैं या घर से निकलते समय कुछ काम निपटाते चलने की
आदत है तो इसे बदल लें.
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