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शिक्षा विभाग ने की तैयारी, झारखंड के सरकारी स्कूलों के 32 लाख बच्चों को अब सप्ताह में 5 दिन मिलेगा अंडा


झारखंड में कक्षा एक से आठ तक पढ़ाई कर रहे सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब हफ्ते में पांच दिन अंडा दिया जाएगा. जो बच्चे अंडा नहीं खाते हैं
, उन्हें सरकार फल देगी. इसे लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है. बताया जा रहा है कि इस पहल से सरकारी स्कूलों के 32 लाख बच्चों को फायदा होगा. वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही कह चुके हैं कि राज्य सरकार बच्चों को पौष्टिक आहार देकर उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहती है. दरअसल, बीते सितंबर की कैबिनेट बैठक में फैसला हुआ था कि पीएम पोषण शक्ति निर्माण के तहत सरकार सप्ताह में दो दिन की जगह पांच दिन अंडा देगी.

अंडा पर सरकार को खर्च करने होंगे 400 करोड़
मिड डे मील में केंद्र व राज्य सरकार का हिस्सा 60:40 है. अंडा का खर्च राज्य सरकार उठाती है. बता दें, भाजपा पार्टी के रघुवर सरकार से अबतक हफ्ते में दो दिन अंडा देने में सरकार करीब 175 करोड़ रुपए खर्च करती है. वहीं
, अब पांच दिन देने से यह खर्च बढ़कर 400 करोड़ के आसपास होने का अनुमान है.

आइए जानते हैं अंडा देने के पीछे क्या है वजह?
सरकारी स्कूल में सभी बच्चों को अंडा देने का उद्देश्य यह है कि बच्चे रोजाना स्कूल आएं और उन्हें पर्याप्त पोषण मिलता रहे. इससे कुपोषण जैसी समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है. बता दें, अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने बीते दिनों सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव को एक पत्र लिख कर कहा था कि स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को हर दिन एक-एक अंडा दिया जाए. उन्होंने बताया था कि स्कूलों में बच्चों की संख्या काफी कम है. जो आते हैं
, उनमें भी कुपोषित बच्चों की संख्या ज्यादा है. इसलिए बच्चों को पौष्टिक आहार मिलना बेहद जरूरी है.

(इनपुट: दैनिक भास्कर)

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