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अगर आप भी सुबह में उठने की आदत डालना चाहते हैं, तो अपनाइये ये नियम


अगर आपके मन में ये सवाल आता है कि सुबह जल्दी उठने की आदत कैसे डालूं, कैसे खुद को मोटीवेट करूं? तो ऐसे लोगों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, सुबह देरी से उठने का मतलब आप रात में 12 से 1 बजे के बीच सोते हैं. इससे आपकी बॉडी क्लॉक बिगड़ती है. इसलिए रात में सही समय पर सोएं. साथ ही दोपहर के समय सोना या लेटना भी बंद करें. रात के समय मोबाइल चलाने, टीवी, कंप्यूटर स्क्रीन के सामने रहने या लाइट में सोने से अधिक समय तक बिस्तर पर रहने की जरुरत पड़ती है. इन आदतों में बदलाव करें. इससे नींद में काफी सुधार आएगा.









पर्याप्त नींद लें  
सुबह जल्दी उठने के लिए रात में 7-9 घंटे की भरपूर नींद लेना भी बेहद जरूरी है. अच्छा होगा कि रात के समय जल्दी सो जाएं. इससे पर्याप्त नींद ले सकेंगे और नींद पूरी होने पर शरीर ख़ुद संकेत देगा कि अब बिस्तर छोड़ देना चाहिए.

हल्का भोजन करें
रात को सोने से पहले कम खाना खाएं. अधिक खाने से भारीपन रहेगा और नींद भी ठीक तरह से नहीं होगी.  फिर देर से सोने के कारण सुबह भी देर से जागेंगे. बेहतर होगा कि रात में सोने से 3 घंटे पहले खाना खा लें. रात के समय चाय या कॉफ़ी पीने की आदत से दूरी बनाएं. इससे नींद आने में आसानी होगी और सुबह नींद भी जल्दी खुल सकेगी.

इच्छाशक्ति मज़बूत करें
सुबह उठने के लिए मानसिक तौर पर मजबूत बनें. कई बार हम सुबह के समय जल्दी उठने की तो सोचते हैं, लेकिन उठ नहीं पाते. अलार्म बजता है और हम उसे बंद कर देते हैं. कोई जगाने का प्रयास करता है तो उस पर गुस्सा करने लगते हैं. लेकिन इच्छाशक्ति मजबूत करके हम इससे बच सकते हैं.

डर को भगाएं
कुछ लोगों को लगता है कि रोजाना सुबह जल्दी उठना काफ़ी मुश्किल होगा. सिर्फ़ इसी डर के कारण वे अपना रुटीन ख़राब कर लेते हैं. सुबह जल्दी उठना शुरू के कुछ दिनों तक ही मुश्किल लगता है. दो हफ्तों में बॉडी क्लॉक पूरी तरह से री-सेट हो जाती है. इसलिए शुरुआती दिनों में धैर्य रखें. ख़ुद को समय दें.

ध्यान दें ...
अंतिम और सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है. अगर 8 घंटे से अधिक सोने के बावजूद सुबह उठने के बाद थकावट या भारीपन लगता है, तो हो सकता है कि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या हो. इसलिए डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.

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