बता दें, निकासी के दौरान डेबिट कार्ड मशीन में
फंसने की वजह से वह व्यक्ति घबरा गया. जिसके बाद आनन-फानन में बैंक के किसी
अधिकारी को सोच उसने कॉल किया. परंतु, साइबर अपराधियों ने पीड़ित व्यवसायी को मदद करने का झांसे देते हुए पासवर्ड और पुश बटन
प्रेस कराकर 2 लाख बैंक अकाउंट से उड़ा दिए.
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित व्यवसायी का नाम
सरफ़राज़ अहमद है और वह धनबाद के भुलीनगर का रहने वाला है. उसने साइबर फ्रॉड के
खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसमें बताया कि 28 अक्टूबर
को वे अपने व्यवसाय के काम से रांची आए थे. दरअसल, उन्हें 10
हज़ार रूपये की आवश्यकता हुई. जिसके बाद एटीएम खोजते हुए कोकर चौक के माहेश्वरी
होटल के समीप पहुंचे. वहां, टाटा इंडिकैश का एटीएम दिखा, जिसमें
पैसा निकालने के दौरान उनका एटीएम फंस गया. जिसके बाद मदद के लिए आस पास गार्ड को
खोजा. गार्ड नहीं मिलने पर उन्होंने वॉल पर दिए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया और
फ्रॉड का शिकार हो गए.
दरअसल, पीड़ित व्यवसायी ड्यूटी पर तैनात सिक्यूरिटी
गार्ड की भी तलाश की. जब उन्हें गार्ड नहीं मिले तो सरफ़राज़ ने वॉल पर लिखे
हेल्पलाइन नंबर 7890062785 पर कॉल किया. फ़ोन उठाने
वाले ने मदद करने की बात कही. उन्हें कहा की पिन एंटर कर के पुश बटन दबाएं, कार्ड बाहर
आ जायेगा. कार्ड बाहर नहीं आने पर साइबर अपराधी
ने पुनः इस प्रक्रिया को दोहराने के लिए कहा. इसके बाद कार्ड तो बाहर नहीं
आया लेकिन उनके मोबाइल पर मैसेज जरूर आ गया. मैसेज से एक एक लाख रुपये दो बार में
निकासी किये जाने की जानकारी मिली. तब उन्हें पता चला कि वे साइबर ठगी के शिकार हो
गए हैं. इसके बाद उन्होंने धनबाद पहुंच कर अपना कार्ड ब्लॉक करवाया.
(इनपुट: नितीश महतो)
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